मायके से ब्याह कर ससुराल चली में
पंछी बन उड़ चली में
मैया की जो थी लाडली में
पिता की अब भी छोटी सी कली में
कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने
छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये
छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में
छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने #बेटी#poem#प्यार#yqbaba#yqdidi#yqhindipoem#बिदाई#loveofdaughter