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बेटी के दिल की बात दिल ही जाने मायके से ब्याह कर

बेटी के दिल की बात दिल ही जाने

मायके से ब्याह कर ससुराल चली में
   पंछी बन उड़ चली में
मैया की जो थी  लाडली में
पिता की अब भी छोटी सी कली में
कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने
छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये
छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में
छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने  
कैसे भूल पाऊ,ये दिल ना माने
बचपन से लेकर जवानी बिताई 
हर पल खुशी ही खुशी पाई
कैसे मिटाऊं सब करके  बिदाई
कभी मायका याद ना आए,ये दिल ना माने
दिल से दिल जहा हो मिले
हर वक़्त सब संग चले
इस दिल से अब कैसे निकले
किसको ये समझाए ,ये दिल ना जाने
आसान है कहना,तू हुई पराई
अब तेरा घर ससुराल ,सासू तेरी माई
नया संसार बसाना,सबने यही बात बताई
कितना मुश्किल है,ये कोई ना जाने 
दिल से सांसों को अलग  कर पाना
मां बाप को को भूल जाना
मायके की याद ना आना 
ना हो पाएगा मुझसे, मंज़ूर हो तो कोई अपनाना
पंछी हूं आसमान कितना बड़ा क्यों ना , भूलती नहीं आशियाने को अपने
ये कोई नहीं जाने ,सिर्फ दिल ही जाने।। मायके से ब्याह कर ससुराल चली में
   पंछी बन उड़ चली में
मैया की जो थी  लाडली में
पिता की अब भी छोटी सी कली में
कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने
छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये
छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में
छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने
बेटी के दिल की बात दिल ही जाने

मायके से ब्याह कर ससुराल चली में
   पंछी बन उड़ चली में
मैया की जो थी  लाडली में
पिता की अब भी छोटी सी कली में
कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने
छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये
छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में
छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने  
कैसे भूल पाऊ,ये दिल ना माने
बचपन से लेकर जवानी बिताई 
हर पल खुशी ही खुशी पाई
कैसे मिटाऊं सब करके  बिदाई
कभी मायका याद ना आए,ये दिल ना माने
दिल से दिल जहा हो मिले
हर वक़्त सब संग चले
इस दिल से अब कैसे निकले
किसको ये समझाए ,ये दिल ना जाने
आसान है कहना,तू हुई पराई
अब तेरा घर ससुराल ,सासू तेरी माई
नया संसार बसाना,सबने यही बात बताई
कितना मुश्किल है,ये कोई ना जाने 
दिल से सांसों को अलग  कर पाना
मां बाप को को भूल जाना
मायके की याद ना आना 
ना हो पाएगा मुझसे, मंज़ूर हो तो कोई अपनाना
पंछी हूं आसमान कितना बड़ा क्यों ना , भूलती नहीं आशियाने को अपने
ये कोई नहीं जाने ,सिर्फ दिल ही जाने।। मायके से ब्याह कर ससुराल चली में
   पंछी बन उड़ चली में
मैया की जो थी  लाडली में
पिता की अब भी छोटी सी कली में
कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने
छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये
छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में
छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने

मायके से ब्याह कर ससुराल चली में पंछी बन उड़ चली में मैया की जो थी लाडली में पिता की अब भी छोटी सी कली में कैसे भूल पायु,ये दिल ना जाने छोड़ के सारे ख्वाब ,लिए सपने नये छोड़ मां का आंगन, दूसरे आंगन में छोड़ मीठी यादें, कुछ नई सजाने #बेटी #poem #प्यार #yqbaba #yqdidi #yqhindipoem #बिदाई #loveofdaughter