Nojoto: Largest Storytelling Platform

White किसकी परख में हो तुम और निगाहें किसे जांचती

White किसकी परख में हो तुम और निगाहें किसे जांचती है,
आदमी की नियत से कहां अब इंसानियत झांकती है।
हर गली कूचे में पसरी  है  यूं यह दरिंदगी ही दरिंदगी,
अगर! सोचने भी  लग  जाएं कभी तो रूह कांपती है।

©एस पी "हुड्डन"
  #किसकी_परख