Nojoto: Largest Storytelling Platform

आदमी की फितरत समझ से परे है कब रंग बदल दे कह नहीं

आदमी की फितरत
समझ से परे है
कब रंग बदल दे
कह नहीं सकते हैं
सामने अच्छा.बनता है
पीठ पीछे
विष वमन करता 
बुरा तो तब लगता है
जब किसी और से
पता चलता है|

©vs dixit
  #फितरत