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आप सभी मित्रों को आप सभी के इस असीमित प्यार को मेर

आप सभी मित्रों को आप सभी के इस असीमित प्यार को मेरा हार्दिक नमन और आज फिर चार मिसरे कहिए या एक मुक्तक कहिए या मित्रों कतआ कहिए भाषाई प्रतिबंध कुछ नहीं है और हम सब एक ही है इंसानियत ही हम सभी का धर्म है इसी भावना के साथ आप सभी के लिए आज का यह एक मुक्तक आप सभी को सप्रेम समर्पित 
डॉ प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर

आप सभी मित्रों को आप सभी के इस असीमित प्यार को मेरा हार्दिक नमन और आज फिर चार मिसरे कहिए या एक मुक्तक कहिए या मित्रों कतआ कहिए भाषाई प्रतिबंध कुछ नहीं है और हम सब एक ही है इंसानियत ही हम सभी का धर्म है इसी भावना के साथ आप सभी के लिए आज का यह एक मुक्तक आप सभी को सप्रेम समर्पित डॉ प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर #शायरी

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