जो घर ही नहीं था बहा ले गए हैं ये हालात हमको कहाँ ले गए हैं हशर ये हुआ है कि अपने शहर से मुहाजिर बताकर निकाले गए हैं हमीं से शहर रौशनी माँगता था हमारे ही घर से उजाले गए हैं तमाशा बनाया है तस्वीरें ली हैं तो जाकर के मुह में निवाले गए हैं अम्मा की आँखों में तारे सजाने को बाबा उठाकर धुआँ ले गए हैं फ़राग़त कहाँ है किसी को ऐ 'क़ासिद' कि लाशें उठाने भी छाले गए हैं No caption needed💔 मुहाजिर - Migrants - प्रवासी फ़राग़त - Leisure - फ़ुरसत #YQbaba #YQdidi #YQbhaijan #Hindi #Urdu #YQhindi #Gazal #YQurdu