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देखा न प्रेमपक्षी! किस अतीतशाखा से आया है सुकूं इस

देखा न प्रेमपक्षी! किस अतीतशाखा से आया है
सुकूं इसका है अब तो, मेरे दिलबाग में बसेरा है।

काली रातें! भी मिट ही जाती है सूर्योदय के बाद
प्रेमपक्षी-मधुर वाणी, नित्य कलरव नवसवेरा है।

मोहब्बते-जहां आबाद है, प्रेमपक्षी शुभागमन से
साथी तेरे साथ से यह सफ़रे-जिंदगी सुनहरा है।

मन अब है प्रफुल्लित प्रेम मौसम खुशनुमा हुआ
दिल्लगी के दिलबाग में हरेक माह हर्षितहरा है।

प्रेमपक्षी! तेरे पूर्व का, अभिलाषी नही है अनिल
दिल से शुक्रिया प्रेमपक्षी दिल में जो प्रेमभरा है।

©Anil Ray
  🌟🌻 मन भी परिंदे जैसा हो गया मेरा 🌻🌟

जाति-धर्म का बंधन नही न ही सीमा की बंदिशें
सम्पूर्ण धरती और यें सकल आकाश हमारा है।

किस खुदा और राम के लिए झगड़े परस्पर हम
प्रेमपूर्वक विचरण जहां में, प्रकृति ही सहारा है।
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator

🌟🌻 मन भी परिंदे जैसा हो गया मेरा 🌻🌟 जाति-धर्म का बंधन नही न ही सीमा की बंदिशें सम्पूर्ण धरती और यें सकल आकाश हमारा है। किस खुदा और राम के लिए झगड़े परस्पर हम प्रेमपूर्वक विचरण जहां में, प्रकृति ही सहारा है। #शायरी #parindey #Anil_Ray

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