प्रणाम दीदी जी, 18.03.2017 सादर चरण स्पर्श। आशा है ईश्वर की असीम कृपा से आप, जीजाजी और हमारे नटखट भांजे-भांजी सकुशल होंगे। दीदी जी, आपसे कभी मुलाकात रूबरू तो नहीं हुई पर कभी एहसास ही नहीं हुआ कि आप से ना मिला। आप का मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए जो निःस्वार्थ प्रेम है उसका दिल से आभार प्रकट करता हूँ। आपका कहना कि "मेरा पता जहां इंसानियत हो" आपकी सादगी, आपकी गहन सोच, आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। आपके जवाब की आशा में आपका अनुज प्राप्तकर्ता: पिंकी दीदी प्रेषक : जय कुमार #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #kumaardedication #चिट्ठी #ख़त #पत्र #letter Pinky Sanghvi दीदी जी शिखा दीदी जी से प्रेरित होकर एक पत्र दीदी जी के नाम