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ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है। दिल को न उलझा

ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है।
दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है।।

यूं सामने आ जाने पर कतरा के गुजरना।
वादे से मुकर जाना उसे आसान बहुत है।।

यादें भी हैं तल्खी भी है और है मोहब्बत।
तू ने जो दिया दर्द का सामान बहुत है।।

अश्क कभी लहू कभी आँख से बरसे।
बेदाग़ मोहब्बत का ये अंजाम बहुत है।।

तूने तो सुना होगा मेरे दिल का धड़कना।
छूकर भी देख लेना ये बेजान बहुत है।।

बहुत तड़प लिए अब उससे बिछड़ कर।
पा जाएँ खोने वाले को अरमान बहुत है।।

©Raj Guru
  #अरमान_बहुत_है  poonam atrey शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Puja Udeshi sana naaz Anupriya