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कमबख्त इश्क में जल गए हम, लाजवाब हुस्न के के आगे

कमबख्त इश्क में जल गए हम, 
लाजवाब हुस्न के के आगे फिसल गए हम,,
धारदार नजरों से कुचले गए, 
और लोगों को लगा कि सम्भल गए हम। ।
रूमानी चेहरे पे मचल गए हम, 
मोम सा पिघल पिघल गए हम,,
बेचैनियों में तड़पता रहा, 
और लोगों को लगा कि दूर निकल गए हम। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले 
खुद की जुबानी। ।

©Santosh Verma
  #ishk #