{{{ गुरु चरणों मे समर्पित }}} गुरु जी गर साथ न मुझको तुम्हारा मिला होता । पूँछ विहीन पशु के समान मैं कहीं पे पड़ा होता ।। कुम्भार बन इस निराकार को आकार न दिया होता , जीवन के इस खूबसूरत सफ़र में फिर मैं कहाँ होता ।१। अगर गुरु पतवार न होता तो कोई भवपार न होता ! गुरु उपदेश के बगैर किसी को आत्मसात् न होता ।। कहीं क़द्र न होता विद्या और विद्वानो का इस जहाँ में , यदि देव,दैत्य,मानव को गुरु का साक्षात्कार नही होता !२! ~~ कवि राहुल पाल ~~ #Worldteachersday {{{ गुरु चरणों मे समर्पित }}} गुरु जी गर साथ न मुझको तुम्हारा मिला होता । पूँछ विहीन पशु के समान मैं कहीं पे पड़ा होता ।। कुम्भार बन इस निराकार को आकार न दिया होता , जीवन के इस खूबसूरत सफ़र में फिर मैं कहाँ होता !१!