नहीं, सुविधाएँ स्वतः ही, विस्मृत हो जाती है, ज्यूँ ज्यूँ लक्ष्य व्यक्ति के रोम रोम में समाहित होने लगता है त्यों त्यों समस्त संसार विलुप्त होता जाता है और रह जाता है तो मात्र, साधक.... एकाकार होने को, अपने साध्य से.. सुप्रभात। जब लक्ष्य कठिन हो तो उसकी प्राप्ति के लिए सुविधाओं का त्याग करके उद्यम करना ज़रूरी हो जाता है। #त्याग #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #हिंदी #आत्ममंथन #जीवनधारा