सुन माँ! अब नारी के हाथों में भी हथियार होना चाहिए, हर बलात्कार करने वाला मौत का हकदार होना चाहिए। जब करेगी तब करेगी न्याय ये सरकार और पुलिस, कर सके खुद फैसला उसे इतना अधिकार होना चाहिए। क्यों देखे वो निर्बल होकर पत्थर से दिलों की तरफ, नारी की *अस्मिता* का उसे खुद पहरेदार होना चाहिए। लुट रही बरसों से अस्मत नोच रहा उसका माँस गीदड़, डरकर दुम दबाकर भागे उसे इतना खूंखार होना चाहिए। अब नहीं सहूँगी, न चुप रहूँगी, अब इंसाफ मैं करूँगी, इतना तो *सखी* दमखम तुझमें हर नार होना चाहिए। ©सखी लता शर्मा "सखी" #गजल #नारी #अस्मिता