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Best अस्मिता Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shitanshu Rajat

सवाल, अस्मिता, हक़ीक़त और बीएचयू (BHU)...... मंजर-ए-उपद्रव हुआ है यहाँ भी उनके साथ अब, जो कह रही थीं, बख्श दो, ओ नापाक हाथ अब, ना मान सके जो शोहदे वो, क्या मजबूरी थी उनकी, वो गैर कोई लड़की होगी, बस बहन नहीं थी उनकी। गईं के राहों को पुकारा, गुहार अपनों से लगाई, मेरे देश ने तब खो दी, संवेदना की हर परछाई। #yourquote #yqdidi #yqbhaijan #bhu

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सवाल, अस्मिता, हक़ीक़त.... और BHU
(Read full poem in caption)
 सवाल, अस्मिता, हक़ीक़त और बीएचयू (BHU)......

मंजर-ए-उपद्रव हुआ है यहाँ भी उनके साथ अब,
जो कह रही थीं, बख्श दो, ओ नापाक हाथ अब,
ना मान सके जो शोहदे वो, क्या मजबूरी थी उनकी,
वो गैर कोई लड़की होगी, बस बहन नहीं थी उनकी।
गईं के राहों को पुकारा, गुहार अपनों से लगाई,
मेरे देश ने तब खो दी, संवेदना की हर परछाई।

Radhe Chandan jha

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Ek villain

#अस्मिता की राजनीति का चुनावी असर #selflove #Society

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आज भारतीय राजनीति का मूल स्वर बन गई है हालांकि अस्मिता भाव मानवीय समाज का मूल भावना हरा मानवीय मूल्य भाव तो प्रेम दया से है सुरता अधिक हिंदू अस्मिता का भाव जो हमें भारी प्रभाव से विकसित होता है आज एक प्रकार का मूल भाव बदल रहा है आशिता भाव और सुरक्षित बहुत बनता और संघर्ष पर टिका हुआ है आज चाहे दुनिया का कोई भी विकसित विकासशील व्यवस्था विकसित देश में किसी न किसी प्रकार अस्मिता बोध से उपजी टकराव से गुजर रहा है जनहित और राजनीति का संबंध भाव को बढ़ते ही चुनावी अस्मिता की और राजनीतिक गोलबंदी अर्थशास्त्र बदल देते यहां से बताएं चाहे जाति से जुड़ी हो या मजहब से क्षेत्रीय से हो या चुनावी वक्त मुग्ध होकर उभर आती दो राज्य उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनाव निपट गए हैं उत्तर पंजाब और मणिपुर के परिचय दिया जा रही है चुनाव प्रचार जन्म गोलबंदी और हितकारी पर आगे नजर डाले तो साफ दिखाई पड़ता है किस प्रकार अस्मिता भाव से चुनाव में जकड़ रखा है चुनाव मिट्टी का विवरण के लिए अस्मिता को आधार बनाकर विभिन्न सामाजिक समूह के जुड़ने की प्रवृत्ति दिखाई पड़ती है इसके साथ ही चुनाव विमर्श के माध्यम से हवा देने की प्रक्रिया भी चलती रही है यही चुनाव बाद में विभिन्न अस्मिता ओं को मंत्रिपरिषद में जगह बनाकर संतुष्टि भी किया जाता है

©Ek villain #अस्मिता की राजनीति का चुनावी असर
#selflove

I am Asmita

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asmita kharat

नैन मेरे ढुंढ रहे है तुमहें... 2

अँखियों से बातें केहँना चाह रहे है
नैन मेरे ढुंढ रहे है तुमहें... 2

तू आजा एक रात पुरी,...2 
सूनाऊ तुमहें अपनी ही कहानी...
और हां...सूनले तू भी इस रात की जुबानी....2

नैन मेरे ढुंढ रहे है तुमहें...2
केहँना चाह रहे है ये बातें कई सारी..

बैठे बैठे अकेले ही मैं परेशानसी...
कुछ युंही इतराके कह दिया उससे... 2
है समदंर कि तरह यार मेरा...2
हाँ.... उसने भी मुस्कुराके कह दिया 
तू भी तो है उसकी पहली लेहर लेहराती हुई.... 

#अस्मि
#अस्मिता खरात ! #height

Lata Sharma सखी

सुन माँ! अब नारी के हाथों में भी हथियार होना चाहिए,
हर बलात्कार करने वाला मौत का हकदार होना चाहिए।

जब करेगी तब करेगी न्याय ये सरकार और पुलिस,
कर सके खुद फैसला उसे इतना अधिकार होना चाहिए। 

क्यों देखे वो निर्बल होकर पत्थर से दिलों की तरफ, 
नारी की *अस्मिता* का उसे खुद पहरेदार होना चाहिए।

लुट रही बरसों से अस्मत नोच रहा उसका माँस गीदड़,
डरकर दुम दबाकर भागे उसे इतना खूंखार होना चाहिए। 

अब नहीं सहूँगी, न चुप रहूँगी, अब इंसाफ मैं करूँगी,
इतना तो *सखी* दमखम तुझमें हर नार होना चाहिए।

©सखी
लता शर्मा "सखी" #गजल #नारी #अस्मिता

sandy

#अस्मिता स्त्री ची #बचावाचे प्रयत्न #खंबीर हवेत ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ घरगुती हिंसा अगर शारीरिक किंवा मानसिक अत्याचार ही महिलांच्या आरोग्याच्या दृष्टीने फार मोठी समस्या आहे. त्यासाठी कितीही कायदे झाले तरी त्यापासून पूर्णपणे सुटका मिळत नाही. अशिक्षित आणि ग्रामीण भागात राहणार्‍या महिला याचा सामना जितका करतात तितकाच शहरी आणि सुशिक्षित महिलाही करत असतात. त्याविरुद्ध आवाज उठवायचा तर मानसिक ताकद हवी आणि या लढ्यात कोणीतरी आपल्यामागे खंबीरपणे उभं आहे याचंही पाठबळ हवं. शरीरावरच्या काही खुणा महिलांच्या मानस #story #nojotophoto

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 #अस्मिता स्त्री ची 
#बचावाचे प्रयत्न #खंबीर हवेत
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

    घरगुती हिंसा अगर शारीरिक किंवा मानसिक अत्याचार ही महिलांच्या आरोग्याच्या दृष्टीने फार मोठी समस्या आहे. त्यासाठी कितीही कायदे झाले तरी त्यापासून पूर्णपणे सुटका मिळत नाही. अशिक्षित आणि ग्रामीण भागात राहणार्‍या महिला याचा सामना जितका करतात तितकाच शहरी आणि सुशिक्षित महिलाही करत असतात. त्याविरुद्ध आवाज उठवायचा तर मानसिक ताकद हवी आणि या लढ्यात कोणीतरी आपल्यामागे खंबीरपणे उभं आहे याचंही पाठबळ हवं.

शरीरावरच्या काही खुणा महिलांच्या मानस

sandy

#अस्मिता स्त्री ची #बचावाचे प्रयत्न #खंबीर हवेत ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ घरगुती हिंसा अगर शारीरिक किंवा मानसिक अत्याचार ही महिलांच्या आरोग्याच्या दृष्टीने फार मोठी समस्या आहे. त्यासाठी कितीही कायदे झाले तरी त्यापासून पूर्णपणे सुटका मिळत नाही. अशिक्षित आणि ग्रामीण भागात राहणार्‍या महिला याचा सामना जितका करतात तितकाच शहरी आणि सुशिक्षित महिलाही करत असतात. त्याविरुद्ध आवाज उठवायचा तर मानसिक ताकद हवी आणि या लढ्यात कोणीतरी आपल्यामागे खंबीरपणे उभं आहे याचंही पाठबळ हवं. शरीरावरच्या काही खुणा महिलांच्या मानस #story #nojotophoto

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 #अस्मिता स्त्री ची 
#बचावाचे प्रयत्न #खंबीर हवेत
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

    घरगुती हिंसा अगर शारीरिक किंवा मानसिक अत्याचार ही महिलांच्या आरोग्याच्या दृष्टीने फार मोठी समस्या आहे. त्यासाठी कितीही कायदे झाले तरी त्यापासून पूर्णपणे सुटका मिळत नाही. अशिक्षित आणि ग्रामीण भागात राहणार्‍या महिला याचा सामना जितका करतात तितकाच शहरी आणि सुशिक्षित महिलाही करत असतात. त्याविरुद्ध आवाज उठवायचा तर मानसिक ताकद हवी आणि या लढ्यात कोणीतरी आपल्यामागे खंबीरपणे उभं आहे याचंही पाठबळ हवं.

शरीरावरच्या काही खुणा महिलांच्या मानस

Dr Garima tyagi

सरकार, प्रशासन एवं मीडिया सभी जिम्मेदार हैं इस कृत्य के ये मुख्य स्तम्भ हैं हमारी जनधारा के और तीनों ही गैरजिम्मेदाराना रवैय्या अपनाये हुए हैं 14 दिन में उस लड़की को ना अच्छा उपचार मिला और ना ही उसकी शिकायत पर सुनवाई | कँहा थी ये मीडिया जो खुद को जनता का प्रतिनिधि बताती है लेकिन इसे और बातों से फुर्सत मिले तब ना वँहा भी कुछ नहीं कर पा रहीं है वो भी दूसरी तरफ मोड़ दिया गया केस | किस बात की पत्रकारिता करते हैं ये लोग घर से बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ता है रात तो छोड़िये दिन में ही घटनाये हों जाती है #नारी #कविता #gangrape #अस्मिता

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सरकार, प्रशासन एवं मीडिया सभी जिम्मेदार हैं इस कृत्य के ये मुख्य स्तम्भ हैं हमारी जनधारा के और तीनों ही गैरजिम्मेदाराना रवैय्या अपनाये हुए हैं 14 दिन में उस लड़की को ना अच्छा उपचार मिला और ना ही उसकी शिकायत पर सुनवाई | कँहा थी ये मीडिया जो खुद को जनता का प्रतिनिधि बताती है लेकिन इसे और बातों से फुर्सत मिले तब ना वँहा भी कुछ नहीं कर पा रहीं है वो भी दूसरी तरफ मोड़ दिया गया केस | किस बात की पत्रकारिता करते हैं ये लोग घर से बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ता है रात तो छोड़िये दिन में ही घटनाये हों जाती है

R@j🌹Gautam

14 सितम्बर, #हिंदी दिवस है। #हिंदी भाषा का मान बढाने हेतु इसका अधिक से अधिक उपयोग कीजिए। #हिंदी हमारी मातृ भाषा है, हिंदी सबकी #राज भाषा है, हिंदी #बोलचाल की एक #सुलभ, #सहज भाषा है... #हार्दिक #शुभकामनाएँ #अस्मिता

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हिंदी दिवस  14 सितम्बर, #हिंदी दिवस  है। 
#हिंदी भाषा का मान बढाने हेतु इसका अधिक से अधिक  उपयोग कीजिए।

#हिंदी हमारी मातृ भाषा है,
हिंदी सबकी #राज भाषा है,
हिंदी #बोलचाल की एक #सुलभ,
#सहज भाषा है...

हिंदी हमारी #अस्मिता की पहचान है।

आप सभी को हिन्दी दिवस की #हार्दिक #शुभकामनाएँ
🌹🌹🎉 L@s🙏🙏🌹🌹 14 सितम्बर, #हिंदी दिवस  है। 
#हिंदी भाषा का मान बढाने हेतु इसका अधिक से अधिक  उपयोग कीजिए।

#हिंदी हमारी मातृ भाषा है,
हिंदी सबकी #राज भाषा है,
हिंदी #बोलचाल की एक #सुलभ,
#सहज भाषा है...
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