अगर हम बच्चे होते तो सदा यूहीं हसते मुस्कुराते ! पीपल की छाँव में हम पूरा दिन युहीं गुजारते !! स्कूल जाने के डर से हम कितने बहाने बनाते ! अगर हम बच्चे होते तो यूहीं मुस्कुराते !!!! कागज की नाओ से समंदर को पार करते ! खाने के वक़्त हम भूतों से डरा करते बातों को अपनी मनवाने के लिए जिद्दी हम बनते ! छोटी सी बातों पर दोस्तों से हम लड़ा करते !! अगर हम बच्चे होते तो यूहीं मुस्कुराते !!!! by-Parikshit Singh #बचपन#परीक्षित सिंह