किसी ने कहा कि तुम्हे एहसास नही जिम्मेदारी का , आने वाली ठोकरों से अन्जान हो 24 घन्टे मजाक मे रहते तुम अभी नादान हो । इस हंसी के पीछे छुपे कटाक्ष तुम नही जानते , भीग जाता सिरहाना कितना ये तुम नही मानते । एहसास ना होता तो घर न त्यागते , छोड़कर कर सारे काज कहीं दूर जा भागते । एहसास न होता तो छुपाते नही इलाज करते बिमारी का, फिर भी तुम्हे लगता है हमें एहसास नही जिम्मेदारी का। ©Anuj Verma #Poet #Poetry #poem #poems #Shayar #Walk