यूं मुझे नज़रों से छूकर।
यूं बातो से मुझे लूटकर
करता रहा वो बातो के वादे।
मै होती रही जज़्बाती।
अनजान थे उसके इरादे।
बातो ही बातो में वो मेरे जिस्म से खेल गया।
क्या इतनी धोखे बाज है ये दुनियां।
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