चलें जायें यहाँ से जो किसे फिर याद आयेंगे ।
नहीं अपना यहाँ कोई कहें जो बाद आयेंगे ।।
मिलाकर तुम कदम चलते सुनो हम साथ में होते ।
मगर अब तो तुम्हारे बाद हम नाशाद आयेंगे ।।
खफ़ा अब हम नहीं तुमसे बताओ बात क्या आखिर ।
तुम्हारे बाद भी क्या हम नज़र बरबाद आयेंगे ।। #शायरी