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मेरी लेखनी को आज पहचान मिल गई , बरसो से दफन शब्

मेरी लेखनी को  आज पहचान 
मिल गई ,
 बरसो से दफन शब्दो को
नई जान मिल गई 
वक्त के अँधेरो में धुँधला गए थे,
आज बरसो बाद रोशनी 
की  खान मिल गई,
खो गई थी वाणी ,
चुपचाप से अल्फ़ाज़ थे,
शब्दो की खामोशी को 
एक तान मिल गई ।।
           पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #लेखनी 
 Mili Saha Pooja Hardik Mahajan Pankaj Gunjan mahant  Ayaan dehlvi ( A D ) KhaultiSyahi SHAYAR (RK) Sethi Ji SHAYAR ANHAR  Poonam Suyal #Sneha Sharma pragya sana naaz Payal Das  Puja Udeshi डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) Badal Singh Kalamgar Ambika Mallik भागवत मरावी  ram singh yadav Lalit Saxena Praveen Jain "पल्लव" Rihan saifi Kamalakanta Jena (KK)