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वही बातें वही किस्से फिर से दोहराते हैं चलो आज या

वही बातें वही किस्से फिर से दोहराते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
एक अर्सा बीत गया मिलकर नहीं देखा 
फिर आज किसी बहाने से सब मिल आते हैं
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
धूल जम चुकी है यादों पर 
जाले लग चुकें हैं मन की दीवारों पर 
आज इनको मिलकर हटाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
जितने भी गिले शिकवे दिल में हैं 
आपस में बैठकर एक-दूजे को बताते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
कोई रोया न होगा कोई हंसा न होगा
किसी का गम अपना बनाकर नम आँखों से उसे आज हँसाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
बीते कल में कौन रूठा कौन टूटा सब भुलाते हैं 
एक उम्र अभी बाकी है चलो फिर से एक नया कल बनाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
यादों में ही होकर रह गये हैं जो पल 
उन्हें आज फिर से जी आते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
आँखें बंद कर बैठ कर तस्वीरें लिये एक कोने में
खुद के दामन में न आँसू बहाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
सब मिलें बात हो कुछ पूरी हो कुछ फिर मिलने की गुंजाइश में अधूरी छोड़ आते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं। #जीवनअनुभव
वही बातें वही किस्से फिर से दोहराते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
एक अर्सा बीत गया मिलकर नहीं देखा 
फिर आज किसी बहाने से सब मिल आते हैं
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
धूल जम चुकी है यादों पर 
जाले लग चुकें हैं मन की दीवारों पर 
आज इनको मिलकर हटाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
जितने भी गिले शिकवे दिल में हैं 
आपस में बैठकर एक-दूजे को बताते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
कोई रोया न होगा कोई हंसा न होगा
किसी का गम अपना बनाकर नम आँखों से उसे आज हँसाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
बीते कल में कौन रूठा कौन टूटा सब भुलाते हैं 
एक उम्र अभी बाकी है चलो फिर से एक नया कल बनाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
यादों में ही होकर रह गये हैं जो पल 
उन्हें आज फिर से जी आते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
आँखें बंद कर बैठ कर तस्वीरें लिये एक कोने में
खुद के दामन में न आँसू बहाते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं
सब मिलें बात हो कुछ पूरी हो कुछ फिर मिलने की गुंजाइश में अधूरी छोड़ आते हैं 
चलो आज यारों के संग एक आखिरी महफिल सजाते हैं। #जीवनअनुभव