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ना ही सस्ता ना ही महंगा एक बाज़ार है ये । अपनी खुद

ना ही सस्ता ना ही महंगा एक बाज़ार है ये ।
अपनी खुद की शोहरतों से हमेशा सुमार है ये ।
कब किस के दाम बढ़ जाएं क्या भरोसा यहां ।
अपनी आदतों से अक्सर खुशमिजाज है ये ।
तेरी ख्वाहिशों का यहां हर समान भरा पड़ा है।
मगर हर शख्स यहां कतार में लगा पडा है ।
कब तक हो पाएगी सौदेबाजी ये कौन जाने ।
चारो तरफ यहां कारोबारियों का जमावड़ा है ।

©Vickram
  बाजार है ये,,,,
vickram4195

Vickram

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बाजार है ये,,,, #शायरी

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