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जिस शख़्श को जीवन भर अपनाया रहा। जीवन के कठिन मोड़ प

जिस शख़्श को जीवन भर अपनाया रहा।
जीवन के कठिन मोड़ पर ही वो पराया रहा।
मेरी अँधेरी-सूनी गलियों में इक सन्नाटा छाया रहा।
शांत-शीतल दूर गगन में रात भर इक चाँद का साया रहा।

©HINDI SAHITYA SAGAR
  जिस शख़्श को जीवन भर अपनाया रहा।
जीवन के कठिन मोड़ पर ही वो पराया रहा।
मेरी अँधेरी-सूनी गलियों में इक सन्नाटा छाया रहा।
शांत-शीतल दूर गगन में रात भर इक चाँद का साया रहा।
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जिस शख़्श को जीवन भर अपनाया रहा। जीवन के कठिन मोड़ पर ही वो पराया रहा। मेरी अँधेरी-सूनी गलियों में इक सन्नाटा छाया रहा। शांत-शीतल दूर गगन में रात भर इक चाँद का साया रहा। #हिंदी #Hindi #hindi_poetry #hindi_shayari Poetry #hindisahityasagar #kavita #शायरी

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