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White "देश के रतनवा" कारगिल स्मृति विशेषांक

White "देश के रतनवा"
     कारगिल स्मृति विशेषांक 
     ::::::भोजपुरी गीत:::::
लागल बा लड़ाई कारगिल से चिट्ठी(ख़बर) आइल।
रोवश बहिना माई सुनके मनवा घबराइल।।
जियारा के हीयरा भुला गईंले हों
हमरा गोदी लालनवा मरा गईंले हों
हमरा देश के रतनवा मरा गईंले

चिट्ठी पढ़े बहिनिया माई सुनी के हों गइल पागल।
नईखे बाबू के होशवा कईसे गोली करेजा में लागल।।
मनवा के धनवा हेरा गईले हों
हमरा देश...…......

लोट पोट मेहरिया , रोई कहेले हों गइनी राड़ी।
कईसे काटब जिनिगिया, पिया देलॉ तू दुखवा भारी।।
मांगी के सिंदूरवा धोआ गईंले हों
हमरा देश........

हई अबोध बलाकवा, केकरा कहीहेस अब पापा।
देख नन्हें उमर में, भईलेस अनाथ अभागा।।
सुनी विद्यार्थी घबरा गईले हों
हमरा देश...........

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
            भोजपुर बिहार
Date:- 15 August 2010

©Prakash Vidyarthi
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