बीमारी, दर्द, आतंकवाद का संकट था हर ओर छाया, इन सब

बीमारी, दर्द, आतंकवाद का संकट था हर ओर छाया,
इन सबका हर धर्म और हर जाति से सामना करवाया।
जिससे सबने मिलकर लड़ा, मुक़ाबला करके हराया,
अब हर ओर खुशहाली होगी क्योंकि है नवयुग आया।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #बीमारी #दर्द #आतंकवाद #का
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महाभारत के  बरबर युग  से लेकर  ब्रलिन के पतन तक
न जाने   कितने युद्ध हुए.... कई सभ्यताये  जन्मी और नष्ट हुई
कई  राष्ट्र नए बने  कई उजड़े रक्त रंजीत हुए....
सक्ताओ....के उलट फेर हुए
शस्त्रों क़ी होड़ मे  लाशों के मजमे लगे
नर्क जीवंत हुए...अहं के कद बढ़ते चले गए ...नफ़रत के  विषैले 
बीज़  पनपे  और अंधी महत्वकक्षाओं क़ी  दौड़ मे
आदमी  और आदमियत दर बदर हुए 
ज़मीन क़ी परतो मे सात सात तहे  लाशों क़ी बिछती  चली गई 
...और  आज हम  आधुनिक युग मे पहुंच गए
जहाँ आतंकित  सांस्कृति ने  जन्म लिया और बची खुची
आदमियत  भी नेस्त नाबूद होने के कगार पर  पहुंच गई
कदाचित भोर क़ी इस बेहद बहूदी सफेदी मे एक बिधवसक
दानवी  अपरिशकृत  मानवता "आतंकवाद को  जन्म  देने मे
सफल हुई है

©Parasram Arora आतंकवाद का जन्म
महाभारत के  बरबर युग  से लेकर  ब्रलिन के पतन तक
न जाने   कितने युद्ध हुए.... कई सभ्यताये  जन्मी और नष्ट हुई
कई  राष्ट्र नए बने  कई उजड़े रक्त रंजीत हुए....
सक्ताओ....के उलट फेर हुए
शस्त्रों क़ी होड़ मे  लाशों के मजमे लगे
नर्क जीवंत हुए...अहं के कद बढ़ते चले गए ...नफ़रत के  विषैले 
बीज़  पनपे  और अंधी महत्वकक्षाओं क़ी  दौड़ मे
आदमी  और आदमियत दर बदर हुए 
ज़मीन क़ी परतो मे सात सात तहे  लाशों क़ी बिछती  चली गई 
...और  आज हम  आधुनिक युग मे पहुंच गए
जहाँ आतंकित  सांस्कृति ने  जन्म लिया और बची खुची
आदमियत  भी नेस्त नाबूद होने के कगार पर  पहुंच गई
कदाचित भोर क़ी इस बेहद बहूदी सफेदी मे एक बिधवसक
दानवी  अपरिशकृत  मानवता "आतंकवाद को  जन्म  देने मे
सफल हुई है

©Parasram Arora आतंकवाद का जन्म
कहते हैं कि दर्द 
एक ऐसी बीमारी है 
चाह जितना सहारा 
दे दो कम नहीं होती

©Mohmad Tanveer
  दर्द ऐसी बीमारी है
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दर्द ऐसी बीमारी है #शायरी

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बस एक शिकायत तुझसे रह गई दिसंबर,
तेरी सर्दी गरीबों के खातिर बन पड़ा खंजर।
अलविदा दिसंबर    अलविदा दिसंबर ।। #सर्द का दर्द।
बस एक शिकायत तुझसे रह गई दिसंबर,
तेरी सर्दी गरीबों के खातिर बन पड़ा खंजर।
अलविदा दिसंबर    अलविदा दिसंबर ।। #सर्द का दर्द।
vvikram1669

Vikash

New Creator
voice: Kumar Shaurya #ghazal #ग़ज़ल #दर्द #फर्द #मर्द #ज़र्द #सर्द
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 सड़क से लेकर महलों तक 
सबको कंपकंपा जाती।
किसी की मखमल में तो
तो किसी की टाट में कट जाती।
जब कोई मिले ठिठुरता बस 
उसको एक कंबल ओढ़ा देना और 
उस सुकून की गरमाहट अपनी
बाहों में समेट लेना।
✍️स्मिता सप्रे

©Smita Sapre
  दर्द सर्द रातों का
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smitasapre7992

Smita Sapre

Silver Star
New Creator

दर्द सर्द रातों का #प्रेरक

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कौन कहता है 
मर्द के दर्द नहीं होता
 दर्द होता है जनाब
पर जुबां पर नहीं लाता।

©Vimal ji #मर्द का दर्द

#internationalmensday
कौन कहता है 
मर्द के दर्द नहीं होता
 दर्द होता है जनाब
पर जुबां पर नहीं लाता।

©Vimal ji #मर्द का दर्द

#internationalmensday
vimal8752528082555

Vimal ji

Growing Creator