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ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई, तुझे नाराज करने

ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई,
 तुझे नाराज करने कि आज हमें सजा मिल गई | 
तेरी तकलीफ को कभी ना समझ पाए हम, 
और आज अपनी तकलीफ में तेरे पास ही लौट कर आए हम | 
हुई थी जो भूल आज उसका एहसास हुआ है हमें, 
अब मान भी जा ऐ प्रकृति इस भूल के लिए क्षमा कर हमें| 
ना होगी ऐसी गलती करते हैं तुझसे वादा, 
तेरा भी ख्याल रखेंगे जैसे तू रखती है खुद से ज्यादा | 
माफ कर दे ऐ प्रकृति अपने किए पर हम शर्मिंदा हैं, 
तेरे संग जो किया है हमने उसकी घोर निंदा है | 
ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई |

©pritima singh प्रकृति के प्रति जज्बात

#ShahRukhKhan
ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई,
 तुझे नाराज करने कि आज हमें सजा मिल गई | 
तेरी तकलीफ को कभी ना समझ पाए हम, 
और आज अपनी तकलीफ में तेरे पास ही लौट कर आए हम | 
हुई थी जो भूल आज उसका एहसास हुआ है हमें, 
अब मान भी जा ऐ प्रकृति इस भूल के लिए क्षमा कर हमें| 
ना होगी ऐसी गलती करते हैं तुझसे वादा, 
तेरा भी ख्याल रखेंगे जैसे तू रखती है खुद से ज्यादा | 
माफ कर दे ऐ प्रकृति अपने किए पर हम शर्मिंदा हैं, 
तेरे संग जो किया है हमने उसकी घोर निंदा है | 
ऐ प्रकृति आज तू हमसे नाराज हो गई |

©pritima singh प्रकृति के प्रति जज्बात

#ShahRukhKhan

प्रकृति के प्रति जज्बात #ShahRukhKhan #poem