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भटकता रहा कारवां बिना मंजिल की ख्वाहिश के,,

भटकता रहा कारवां बिना मंजिल 
की ख्वाहिश के,,

                         वो इस सफर को जिंदगी मान बैठे
 थे अपनी,,

                         शायद पानी से सीखा था उन्होंने
      बहते हुए रहना,,,

उनकी मंजिल का ना होना उन्हें 
बंजारा बना बैठा,,

©Vickram
  बंजारा,,
vickram4195

Vickram

Silver Star
New Creator

बंजारा,, #शायरी

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