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मनुष्य और पर्यावरण का अन्तःकरण कोई समझ पाया, क्या


मनुष्य और पर्यावरण का अन्तःकरण कोई समझ पाया,
क्या  मानव  अपनी  हरकतों  से  बाज  आया  है

आज भी कूड़े कचरों  को नदियों में खूब  बहाता है
उसी जल से मवेशियों और पूजा - पाठ ये  करता है 

तो कभी पेड़ - पौधों को काट कर क्रूरता दिखाता  है
अपने ऐसो आराम के चक्कर में सब कुछ भूल जाता है

पर्यावरण स्वछता अभियान बस कागजों पर रह जाता है
Queen"कब संभलेंगे मनुष्य मुझे समझ ना आता है!!! 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

मनुष्य और पर्यावरण का अन्तःकरण कोई समझ पाया,
क्या  मानव  अपनी  हरकतों  से  बाज  आया  है

आज भी कूड़े कचरों  को नदियों में खूब  बहाता है
उसी जल से मवेशियों और पूजा - पाठ ये  करता है 

तो कभी पेड़ - पौधों को काट कर क्रूरता दिखाता  है
अपने ऐसो आराम के चक्कर में सब कुछ भूल जाता है

पर्यावरण स्वछता अभियान बस कागजों पर रह जाता है
Queen"कब संभलेंगे मनुष्य मुझे समझ ना आता है!!! 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।
swetakumari9595

Sweta

New Creator

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण