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ये जो मेरे हथेलियों में इश्क के खून का इल्जाम लगा

ये जो मेरे हथेलियों में इश्क के खून का इल्जाम लगा है।
ये आदमी के नहीं किसी रूह के छीटें बदन पर दिखे है।। ये दंरीदगी किस रात की है
ये हवसिपन किस बात की है
मेरे हाथों में जो लहू लगे है
ये लहू किसी इंसानी जात की है।

आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है
किसी के हाथों से लहू-लुहान हुआ परिंदा है
ये कैसी दुनिया में हम जिये जा रहे है
ये जो मेरे हथेलियों में इश्क के खून का इल्जाम लगा है।
ये आदमी के नहीं किसी रूह के छीटें बदन पर दिखे है।। ये दंरीदगी किस रात की है
ये हवसिपन किस बात की है
मेरे हाथों में जो लहू लगे है
ये लहू किसी इंसानी जात की है।

आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है
किसी के हाथों से लहू-लुहान हुआ परिंदा है
ये कैसी दुनिया में हम जिये जा रहे है
nojotouser8696029376

साहस

New Creator

ये दंरीदगी किस रात की है ये हवसिपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है किसी के हाथों से लहू-लुहान हुआ परिंदा है ये कैसी दुनिया में हम जिये जा रहे है #YourQuoteAndMine #prakashjha #prakashjha_shayri #prakashjha_संवेदना #prakash_jha #prakashjha_gazal