दास्तां दिल कि हमसे सुनाई नहीं जाती बरसात में भीगी आँखें दिखाई नहीं जाती हाँ ये सच है कि ग़म है मुझे जुदाई का लेकिन अपनी कमज़ोरी दुश्मनों को बताई नहीं जाती ©Deep bawara #ग़ज़ल_सृजन #ग़ज़ल #शेर #Love