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बसा सको यदि इन आँखों में पलकों तले बिठा लेना, कर द

बसा सको यदि इन आँखों में पलकों तले बिठा लेना,
कर दूंगा शृंगार तुम्हारा आँखों का काजल -सा हूं।
बाँध सको तो बाँधे रखना किसी भले बंधन में जी,
मैं तो गीत किसी का गुंजन आवारा बादल - सा हूं।।

©Mukesh Meet
  #बादल#आवारा#गीत#