मेरे फ़िक्र की हद का चले पता, क़ासिद उनको दिल ए हाल बता उनकी बेरूख़ी नई बात नही, परवाह पे उनकी मेरी जां फ़िदा उनकी ज़ुल्फ की शामें याद मुझे, नज़र-ओ-ख़्वाब में अब तक ठहरा वो हर सितम मैं उनके सह लूंगा, शिकवा ना करूं वो करे लाख ख़ता देखूं जिस ओर वो है रूबरू, वो संगदिल इस दिल की जुस्तजू पत्थर को भी पिंगला सकता हूं, गर दिल की दुआ सुन ले ख़ुदा बंजारा ए दिल के सारे दर्द कभी जिनके आगोश में सिमटे रहते थे यतीम हुए मेरे ज़ख़्म सभी इ इक बार तो आ इनको सहला मेरे फ़िक्र की हद का चले पता - -दलबीर सिंह बंजारा #ज़ुल्फ #संगदिल #ख़ुदा #हमसफ़र #दिल #आशिक़ी #love #जुदाई #शायरी #मोहब्बत