उनके तस्वीरों की कमी है आजकल, अब किसे देख अपनी शायरी बनाएं। वो सूरज की रोशनी है मेरी, बिन उसके अब कैसे गुल खिलाएं। उनके #तस्वीरों की कमी है #आजकल, अब किसे देख अपनी #शायरी बनाएं। वो सूरज की #रोशनी है मेरी, बिन उसके अब कैसे #गुल खिलाएं।