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nalinitiwari7889
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Nalini Tiwari

"इकत्तीस दिसंबर की शाम हूं मैं"

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Nalini Tiwari

 "प्रेम का पक्ष.."
पतली उजली लकीर सा चाँद,
मैं अकेली एक छोर ,तुम अकेले एक छोर...
सतह मिली तो बढ़ने लगे फिर..
मैं चली तुम्हारी ओर,तुम चले आए मेरी ओर...
प्रेम की मिलकर  ज्योत जलाई,
तुम मेरे मन चोर पिया,मैं बनी तेरी चितचोर...
आधा उजला झूले सा चाँद,
गीत गाते भाव विभोर,तुम चंदा मैं बनी चकोर...
पूर्ण होने को आतुर सा चाँद ...
न तुम्हारा हिय पर काबू,न मेरे जी पर था जोर...
पूर्णिमा में उजला सा चाँद..
होकर दूजे में सराबोर,ठोकर मारे दुनिया के तौर...
फिर...
आंच धीमी करता सा चाँद...
न रहा तब मेरा ठिकाना,न रहा तेरा कोई ठौर...
अंधेरों से घिरता सा चाँद...
तुम चले हाथों को छोड़ , मैं ढूंढूं रस्ता कोई और...
फिर बना लकीर सा चाँद...
मैं अकेली एक छोर,तुम अकेले एक छोर...
अमावस में डूबता सा चाँद...
आँखों में अब चुभती यादें,चुभती एकाकी बन कर शोर ...

"शुक्ल" पक्ष में बढ़ता प्रेम,"शुक्ल" पक्ष में चढ़ता चाँद...
"कृष्ण" पक्ष में बिफरी "राधा",बिछड़ गए तब "राधा श्याम"

©Nalini Tiwari
  #Love 
#simile 
#Metaphor 
#poem 
#loveaajkal
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Nalini Tiwari

 
Wo raahein jo hr din guzr jati hain ..
bina mujhse rubaroo hue ...
Jo khtm si ho jati hain ..
meri mnzil se hote hue ....
Kyu na aaj mnzil ko thoda intezar kraun...
Aaj us raah ko uski asli jgh baithaun ...
Aaj paidal hi us raah ko naap aaun...
Usse kuch guftgu kr thodi shohrat use bhi dilaun...
use uske raah hone ka ehsas dilaun ...
aaj use kdmo se sparsh kr ...
uske astitva ki pehchan kraun...
Ha mana ki  wo raah hai ...koi mnzil ni ...
Ha mana ki  wo raah hai ...koi mnzil ni...
LEKIN  YE BHI TO JAANO ...
BIN RAAH ..KOI MANZIL NAHI ..

©Nalini Tiwari
  #Dreams 
#Life 
#roadtosuccess 
#Success
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Nalini Tiwari

रातें ज़िंदगी हो गई 
दिन का कोई पता नहीं...
तम में रोशनी ही रोशनी
चमक में दिखता नहीं...
हूं मोड़ पर एक कोने
बटोर रही हूं  कुछ राहें
फिर छींट दूंगी डगर
जहां कोई रस्ता नहीं...
पहाड़ के तह पर खड़ी
निहारती खाई की गहराई
बस जाऊं उर धरती के में
मोती श्रृंग पर टिकता नहीं...
मैं सूर ख्वाबों की सी हूं
क्या बंद क्या खुली आँखें
छू कर देखूं क्या आसमान
ये नभ मुझे दिखता नहीं..

©Nalini Tiwari #Dreams 
#aspirants 
#Night 
#Life 
#Motivational 
#Life_experience
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Nalini Tiwari

तुम खाली झोला रख लेना..उर का बटुआ रख लेती हूं..
सपनों के कपड़े पहनाकर,बाज़ार तुम्हें ले चलती हूं...
कुछ छूटा तो नहीं है ना? ठिठोली साथ रखी है ना?
एक बचपन जेब में रख लो ..मुस्कान से चेहरा ढक लो..
पहले झूले पर चढ़ते हैं ...फिर पेंग मारकर बढ़ते हैं ...
सूरज को छूने पर सपने ,गुदगुदाने लगते हैं...
उतरते ही वो तो देखो ...पुराने गम के ठंडे गोले ...
खट्टे मीठे रस उड़ेलकर ...चलो ना गप कर जाते हैं...
वो उम्मीदों के गुब्बारों ...का चलो न सौदा करते हैं...
जो फूटे फिर भी हसेंगे ही ...ये उम्मीद थोड़े ना मरते हैं... 
जो महकी छौंक जीवन की...चल उस ठेले पर चलते हैं...
जितनी तीखी उतना स्वाद .."चाट" जीवन का चखते हैं...

इक उम्र का खाली झोला ...चल जीवन से भरते हैं...
उर का बटुआ कुछ ले देकर...चल अब खाली करते हैं ...

©Nalini Tiwari #personification
#Life 
#LoveYouZindagi 
#loveforlife 
#Smile 
#joy
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Nalini Tiwari

"एक सौदा ऐसा भी..."

बाज़ार लगा था,उसी सामान का..दुकानें  रंग बिरंगी थी...
मैं ढूँढने निकला उसको ,जिसकी मुझे ज़रूरत थी ...
ज़रूरत कुछ ऐसी थी कि मुश्किल मेरा जीना था...
तमाम सामानों में से मुझे कोई न कोई चुनना था...
जो जितना पसंद आया ,उसने उतना ही दाम लगाया...
फिरता हुआ बहुतों दुकान मैं खाली हाथ वापस आया..
बाज़ार में चलते चलते  , मैं थोड़ा भीतर आया...
लालची कीड़ों से खुद को मैंने घिरा हुआ पाया...

सही दाम में अच्छा रिश्ता आखिर मुझको दिख गया ...
आज क्रय की बात हुई, कल ज्यादा पैसों में बिक गया...
मैं ढूँढ चला बाज़ारों में ,एक रिश्ते की तलाश किए...
फिरता  गिरते लोगों को देख मन के भीतर उश्वास लिए ..
जो जितना ही नीचे गिरता उसका उतना ही ओहदा था..
व्यय भी अपना क्रय भी अपना ...जाने कैसा ये सौदा था..

©Nalini Tiwari #dowry 
#society
#Marriage 
#sarcasm 
#vyang
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Nalini Tiwari

मेरा कोई मोल नहीं ,ऐसा सब कहते हैं।
फिर भी रोशनी में टांग ,सब मुझे घूरते हैं।
ज्यों मैं 500 का नोट, वे मुझमें गाँधी ढूँढते हैं।।
छवि में कमी तो नहीं?
ज्यादा पढ़ी तो नहीं ?
पैरों में लचक तो नहीं?
मुँह में ज़ुबान तो नहीं?
ठाक ठोककर सब ,मुझसे सवाल पूछते हैं।
ज्यों मैं 500 का नोट ,मुझमें गाँधी ढूंढते हैं।।
अलमारी पलंग सोफ़ा
हर रिश्तेदार को तोहफ़ा
साथ इक सोने की खान 
गृहस्थी का हर सामान 
जन्म से अबतक अपने लाल का हिसाब जोड़ते हैं।
ज्यों मैं 500 का नोट ,वे मुझमें  गाँधी ढूंढते हैं।।।

©Nalini Tiwari #dowry
#marriage
#society
#satire 
#Life

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Nalini Tiwari

#innocentchild

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