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sanjaykumarjain3961
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SANJAY KUMAR JAIN

नकारात्मक यथार्त लिखता हूं। खुशी से थोड़ी चिढ़ है इश्क से नफरत भी सी है।यायावर दिल मेरा नाम नही फितरत है।एक बार पढ़िए पसंद आये तो एक बार फिर थोड़े मन से पढ़िए । आप पढ़िए और फिर आपको पढ़ने की आदत मैं लगा दूंगा। प्रकटोत्सव दिवस लोग 'Kiss Day" के रूप में मनाती है और जिंदगी हमसे पूछती है तुम किस लिए इस दिन पैदा हुए। आजीविका पालन हेतु व्यापारी बना हूँ पर समझ एहसासों को शब्दो का सही मोल भाव देना ही आता है। पिता श्री नही रहे उनपर भी मन का गुब्बार जब जब भड़ता है अनायास ही शब्दों में निकाल देता हूँ। माता है पत्नी है वो भी मेरे शब्दों के बने निवास में समय असमय जगह पा ही लेती है। बाकी एक आशिकी सी है मेरी सोच में ऐसी आशिकी जो सिर्फ दीदार को तरसना दर्द को झेलना दगा की कल्पना जैसी फ़ितरतों के आस पास सोचती है। और कितना पढोगे मेरे बारे में मेरे लिखे अल्फ़ाज़ पढ़ो मुझे समझने के लिए।

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SANJAY KUMAR JAIN

#तवायफ
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SANJAY KUMAR JAIN

#वक़्त
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SANJAY KUMAR JAIN

#चाँद
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SANJAY KUMAR JAIN

#bra
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SANJAY KUMAR JAIN

#नादान
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SANJAY KUMAR JAIN

#जनाजा #मौत
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SANJAY KUMAR JAIN

स्त्री का सबसे अद्भुत अंग कौन सा है?? स्तन!! ममत्व और काम भावना के बीच फर्क को स्थापित करने वाला ऐसा करिश्माई अंग जिससे ममता और कामुकता बराबर से टपकती है पर इसका अंतर सिर्फ भोगने वाला ही समझ सकता है। 

#स्त्री #ममता #स्तन

स्त्री का सबसे अद्भुत अंग कौन सा है?? स्तन!! ममत्व और काम भावना के बीच फर्क को स्थापित करने वाला ऐसा करिश्माई अंग जिससे ममता और कामुकता बराबर से टपकती है पर इसका अंतर सिर्फ भोगने वाला ही समझ सकता है। #स्त्री #ममता #स्तन

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SANJAY KUMAR JAIN

एक नजाकत है
उनकी यादों में भी
बड़ी चालाकी से आती है
दबे पाँव बेवजह बेवक़्त बेपरवाह
और बड़ी आसानी से रुला जाती है

#याद #प्यार #बेवफा #आँशु

एक नजाकत है उनकी यादों में भी बड़ी चालाकी से आती है दबे पाँव बेवजह बेवक़्त बेपरवाह और बड़ी आसानी से रुला जाती है #याद #प्यार #बेवफा #आँशु

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SANJAY KUMAR JAIN

#राजनीति #मोदी #हिन्दू_मुस्लिम
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SANJAY KUMAR JAIN

वो जो भी हुआ था इश्क की इंतहा थी
रूह को लिपटना था जिस्म तो बहाना था..

©SANJAY KUMAR JAIN #safar
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