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Shalini Nigam
"विडंबना कहें या स्त्री का दुर्भाग्य" नपुंसक पुरुष हो फिर भी बांझ औरत कहलाती है! ©Shalini Nigam #स्त्री #Nojoto #yqdidi #yqbaba #shayri #writer #Poetry #poem
सूरज
Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓 ©सूरज #स्त्री
Anuradha T Gautam 6280
#पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️ ©Anuradha T Gautam 6280 #पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️
Andy Mann
स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से... कोई सोचता है उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह तो कोई घूरता है उत्सुक-सा एक हसीन रङ्गीन चित्रकथा समझ कर ! कुछ पलटते हैं इसके रङ्गीन पन्ने अपना खाली वक़्त गुज़ारने के लिए तो कुछ रख देते हैं घर की लाइब्रेरी में सजा कर किसी बड़े लेखक की कृति की तरह स्टेटस सिम्बल बना कर ! कुछ ऐसे भी हैं जो इसे रद्दी समझ कर पटक देते हैं घर के किसी कोने में तो कुछ बहुत उदार हो कर पूजते हैं मन्दिर में किसी आले में रख कर गीता क़ुरआन बाइबिल जैसे किसी पवित्र ग्रन्थ की तरह ! स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे पृष्ठ दर पृष्ठ कभी कोई पढ़ता नही समझता नही आवरण से ले कर अन्तिम पृष्ठ तक, सिर्फ़ देखता है टटोलता है ! और वो रह जाती है अनबांची, अनअभिव्यक्त, अभिशप्त सी ब्याहता हो कर भी कुआंरी सी, विस्तृत हो कर भी सिमटी सी ! छुए तन में एक अनछुआ मन लिए सदा ही !!! ©Andy Mann #स्त्री puja udeshi Sangeet... अदनासा- Ashutosh Mishra Neel
#स्त्री puja udeshi Sangeet... अदनासा- Ashutosh Mishra Neel
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Rishi Ranjan
White कुछ स्त्रियां हौसला होती हैं अपना और अपने परिवार का ऐसा नहीं कि वो टूटती नहीं बिखरती, रोती और बिलखती नहीं पर इन सबसे ऊपर होता है उनका आत्म विश्वास खुद को खुद ही जोड़ने का हुनर हर परिस्थिति में खुद को ढाल लेने का हुनर अपनी कमजोरियों से लड़कर उन्हें अपनी ताकत बना लेने का हुनर नहीं होती हैं वो फूल सी नाज़ुक कलाइयों की जिसमें चूड़ियां पहनाई जा सके बस पहन कर एक घड़ी ही वह चलती हैं,साथ साथ समय के कोशिश करती हैं कदम से कदम मिला कर चलने की अपनी क्षमता और प्रतिभा से बस सब कुछ पाने का सपना देखती हैं नहीं चाहती वो किसी के ऊपर एक पाई पाई का मोहताज होना बस एक सम्मान और व्यक्तिगत पहचान चाहती हैं अपनी कि उनको लोग पिता और पति के नाम से बढ़ कर भी जाने उनके स्वयं की कार्य,कुशलता और सफ़ल होने की मापन प्रणाली में दर्ज करा सके वो नाम अपना कुछ नहीं चाह होती सिवाय इस के उसे भी समाज में एक पुरुष की तरह बराबरी और सम्मान मिले एक लड़की या एक स्त्री से परे होकर समाज की सफलता और असफलता की परिभाषा से उसे भी देखा और गिना जाए ll ©Rishi Ranjan #sad_shayari Anupriya Vikas Sahni kajal saini Preeti Devi Mr anjali Dancer8544 #Mother #स्त्री
#sad_shayari Anupriya Vikas Sahni kajal saini Preeti Devi Mr anjali Dancer8544 #Mother #स्त्री
read moreShaarang Deepak
स्त्री (Stree)- 5 Insta by Shaarang Deepak॥ #womenempowerment #girlpower #Female #स्त्री #girl #Women #stree #womanempowerment
read moreAndy Mann
White मर्द चाहे कितना भी बड़ा तुर्रमखां हो पर 1500 की चीज़ 150 में सिर्फ औरत ही मांग सकती है ©Andy Mann #स्त्री vineetapanchal Neel MRS SHARMA Sh@kila Niy@z Sangeet...
#स्त्री vineetapanchal Neel MRS SHARMA Sh@kila Niy@z Sangeet...
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स्त्री (Stree)-1 by Shaarang Deepak॥ #womenempowerment #girlpower #Female #स्त्री Full Nazm- https://youtu.be/HNLbuHoQ5AY Tags- #Women #stree #womanempowerment #mahila #ShaarangDeepak हिंदी कविता
read morePooja Priya
वक्त बदल गया है जमाना बदल गया है लेकिन नजरिया वही है लड़के लड़कियों में फर्क वही है रास्ते बदल गए हैं मंजिल वही है युग बदल गया है मगर परिवर्तन नहीं है लड़कियों की आजादी के सपने नए हैं लेकिन पांव में पड़ी जंजीर वही है आज भी बाहर निकलने पर जहन में खौफ वही है हर युग में लड़की की दास्तान वही है लड़कियों के साथ होने वाला व्यवहार वही है उनके साथ होने वाला अनाचार, अत्याचार वही है चार दिवारियों के बीच में कैद लड़कियों की घुटन वही है जिंदगी के हर मोड़ पर नज़रें गड़ाए दरिंदे वही हैं कल भी लोगों के बीच द्रौपदी सुरक्षित नहीं थी आज भी दामिनी की दुर्दशा वही है हर पल रावण और दुशासन की नजरों से बचने की आस वही है फिर कैसे समझे कि वक्त बदल गया है लड़के लड़कियों में फर्क नहीं है सोच नई है क्योंकि आज भी लड़की का दर्द वही है दर्द में से सिसकती आवाज वही है ©Pooja Priya #Feminism #स्त्री #समाज #सोच #No_1trending #nojato #Women #poem #हिंदी Siddharth Gupta Poetry Stage Publication House sharma ji हिंदी कविता कविता कोश कविता कोश कविताएं