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आगाज़
तवायफ हूँ मैं, दरिया की लहरों की बहार हूँ। आज भी गुनगुनाते हैं मेरे अनगिनत प्यार हूँ। मेरी आवाज़ में छुपी हैं दर्द की कहानियाँ, दुनिया की भीड़ में छिपा हूँ मैं रचनाएँ नई। न मैं आंधी हूँ, न बाढ़ हूँ, न तूफ़ान हूँ। मैं एक पत्थर हूँ, जो धड़कती है तुझे निगाहों में। मैं आजीवन तुझसे जुड़ी हूँ, सदा के लिए बंधी हूँ। प्रेम की आग से जली हूँ, अब जीने के लिए यहाँ हूँ। मेरे जीवन की दासता नहीं तू कभी समझेगा, मुझे दरिया की लहरों का तू कभी राजा नहीं कहेगा। पर जाने क्या, मैं हर पल अपनी खुशियों का साथ दूंगी, मेरे साथ रहकर खुद को तू अदा करेगा। मैं तवायफ हूँ, जीने का नया अंदाज़ हूँ। बहुत कुछ सिखाऊँगी, अगर तू मुझे अपनाएगा राजा होकर। ©SMA voice group #GarajteBaadal #तवायफ jameel Khan Senty Poet Ajain_words
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read moreTarun Vij भारतीय
तहज़ीब की पहचान कभी जो कोठे हुआ करते थे, घुंघरूओं की छनक जहां सुरों में बहती थी आज जिस्म फरोशी के अड्डे है, क्योंकि दुनिया में अब कद्रदान नहीं है... #तवायफ के कौठे तहजीब की पाठशाला से कैसे बने जिस्म फरोशी के अड्डे... पेशा तवायफ का बुरा ना था जब दौर गालिब मीर का था, अब दौर कुछ और है जहां कद्रदान नहीं है... #yqbaba #yqshayari #sach #truth #like #follow #tarunvijभारतीय
#तवायफ के कौठे तहजीब की पाठशाला से कैसे बने जिस्म फरोशी के अड्डे... पेशा तवायफ का बुरा ना था जब दौर गालिब मीर का था, अब दौर कुछ और है जहां कद्रदान नहीं है... #yqbaba #yqshayari #Sach #Truth #Like #follow #tarunvijभारतीय
read moreTheBoyWithPen
रंग बिका ढंग बिका बदन का एक एक अंग बिका बस पेट की खातिर बिक जाती थी सुबह माँ अपने बच्चों की, रात में तवायफ बन जाती थी #तवायफ #YQDidi #YQbaba Challenge
SANJAY KUMAR JAIN
तवायफ आज का शब्द बड़ा बेवजह का है। अनायास ही किसी पुरानी लिखावट पर नजर पड़ी तो कुछ ख्याल हिलोरें मारने लगे। तवायफ समाज का वो हिस्सा है जिसे मैं तो बहुत शक्तिशाली मानता हूं। दाम लेकर ही सही कई तृष्णाएं मिटा देती है वो जबकी यहां भगवान चढ़ावे लेकर भी खाली हाथ लौट देते है। खुद की हसरतें राख करके वो कितनों की खुशी का कारण बनती है। कालिख तो किसी और के कारनामे की होती है पर उसे खुद पर लपेट बदनाम वो हो जाती है। माना कि उसकी भी मजबूरी रही होगी शायद पेट की आग या किसी जिम्मेदारी की मजबूरी पर जिस्म जो वो बेच रही बहुत हिम्मत चाहिए इसके लिए। मयखाने और तवायफ के दरवाजे हर उसके लिए खुले है जिसके पास दाम हो और एक बार प्रवेश कर जाओ फिर क्या अमीर क्या गरीब सब खुद को तृप्त पाते है। कोठा भी मंदिर है मान लो देवी तवायफ को। तलबगार बनो तो तरफदार भी थोड़ा सा बन जाओ। उसके जिस्म को बेशक बेहिसाब भोगो पर थोड़ा सा उसके दिल को भी समझो। ©SANJAY KUMAR JAIN #तवायफ #समाज #SuperBloodMoon
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
मर्द हजरात एतराज ना करे✍️ #SexWorkersDay #TrendingNojoto#मेरी_कलम_से#मैं_और_तुम#दिल_कि_बात_दिल_तक#वैश्या#तवायफ#समाज sakshi CHAUHAN Sakshi Dhingra Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Abha Anokhi dhyan mira Riyashaikh Great Awaaz k Smile Fatima Ali NIKHAT KHAN Ruman Bedil رومان بیدل ☑ Mohammad. Shahab Sandeep Kumar Saveer sahib khan صاحب خان GuruJi manpreetkang Abhishek Soni Tr. Pradeep sharma RES Ramesh Jhorar Ramesh Rashidul Ahmed Rashid Shaikh Rashid Husaain Rashid Khan Rashid ali 786 Riya Soni
read moreतरूण तरंग
अगर जिस्मों का मेल ही मोहब्बत होती तो शहर की तवायफ मोहब्बत की सौदागर होती ©®तरूण एक कडवा सच ❤️ #तवायफ
एक कडवा सच ❤️ #तवायफ
read moreRakesh Kumar Dogra
आजकल के हाल पर एक तप्सरा मेरे मोहल्ले में किराए पर रहने के लिए आई एक अप्सरा...... क्रमशः आज के सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूं। हमारे मोहल्ले में एक नई मोहतरमा (मैडम) किराए के मकान में रहने के लिए आईं। गज़ब की खुबसूरत हैं। पढ़ी लिखी हैं। बात करने का ढंग सलीका सब बहुत सुन्दर है। यहॉ तक तो सब ठीक है। पर ज्यादा सर्वगुण सम्पन्न होना भी ठीक नहीं होता। नतीजतन सब यानी अधेड़ और जवानों का झुकाव उन्ही मैडम की तरफ है। अब परेशानी ये है कि वो खुद तो ठीक हैं पर ज़माना परेशानी में है। खासकर मोहल्ले की सभी औरतें ज्यादा परेशान है। ये मैडम जिस ऑफिस में काम करती हैं पॉच बजे छुट्टी हो जाती है और मैड
आज के सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूं। हमारे मोहल्ले में एक नई मोहतरमा (मैडम) किराए के मकान में रहने के लिए आईं। गज़ब की खुबसूरत हैं। पढ़ी लिखी हैं। बात करने का ढंग सलीका सब बहुत सुन्दर है। यहॉ तक तो सब ठीक है। पर ज्यादा सर्वगुण सम्पन्न होना भी ठीक नहीं होता। नतीजतन सब यानी अधेड़ और जवानों का झुकाव उन्ही मैडम की तरफ है। अब परेशानी ये है कि वो खुद तो ठीक हैं पर ज़माना परेशानी में है। खासकर मोहल्ले की सभी औरतें ज्यादा परेशान है। ये मैडम जिस ऑफिस में काम करती हैं पॉच बजे छुट्टी हो जाती है और मैड
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