धर्म जात पात की आड़ में रहते है
राक्षस अब बीच बाजार में रहते है
कभी तोड़ा करते थे मंदिर हमारे ,
आज देश तोड़ने की ताड़ में रहते है
#Trending#कविता
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Abhinav Gupta
मुझे तुम छोड़ के ऐसे चले क्या जा नही सकते
मेरे तो हो नही तुम तो मुझे भी पा नही सकते
मुझे है आरजू तेरी तड़प कर रूठ जाता हू
मैं रूठा ही रहूंगा जो गर तुम मना नही सकते
#SAD#शायरी
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Abhinav Gupta
कब तलक हमको ऐसे सताओगे तुम
और कितने सितम हम पे ढाओगे तुम
मसरूफ करके मुझको सांसों में अपनी
अब क्या हमको भी मजनू बनाओगे तुम
#प्यार#शायरी
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Abhinav Gupta
एक इश्क कभी नकाब से ऊपर नही उठ पाया
होश में होकर भी शराब से ऊपर नही उठ पाया
मिसाले दे रही है आज ये अवाम मेरे जतन की
की फायदा मैं अपनी जात से ऊपर नही उठ पाया
Love #caste#कविता
खुशियां मेरी जी उठी दुनिया भी निखर गई
मां तेरी ही गोद में मेरी तकलीफे सारी मर गई
एक निवाला प्यार का खाया जो उसके हाथ से
मेरी आंखों की चमक से भूख मां की भर गई
बहुत सताया मां को मैने शायद यही वजह थी
मां के आंचल से लिपट कर आंख मेरी भर गई
देखती है मां मुझे जी भर के हर रात सोते हुए
उसके प्यार की नजर से ही बुरी नजर सभी उतर गई #maa#PARENTS#शायरी#motherDay