#Women#womenempowerment#Women_Special यह कोई कविता नहीं उसकी जिंदगी का किस्सा है
जो दर्द बताने वाला हूं उसकी जिंदगी का हिस्सा है
चंद खून की छींटे लज्जित कर देती है उसको
कोई क्यों नहीं सोचता कितना दर्द होता होगा उसको
नारी होना आसान नहीं समझाओ उन नसमझो को
रूह कांप जाती जब चोट लगती हैं मर्दों को
Virendra Singh Diwakar
#PoetInYou मैंने एक खत लिखा है
सिर्फ तुम्हारे लिए
मैं आशिक बना भी तो
सिर्फ तुम्हारे लिए
जो पहाड़ सा अडिग था वो भी झुक गया
सिर्फ तुम्हारे लिए
हर पल याद करते हैं तुम्हे
अब यह दिल भी धड़कता तो #कविता