Nojoto: Largest Storytelling Platform
pratibhapandey2251
  • 18Stories
  • 14Followers
  • 202Love
    1.8KViews

Pratibha Pandey

  • Popular
  • Latest
  • Video
19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White 
#दिनांक:-4/9/2024
#शीर्षक:-जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है। 

जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है, 
खुशियों से खेलती बहुत, दुख ज्यादा देती है। 

इरादों पर बार बार चोट कर निराशा जगाती ,
जब  हों हताश, निराशा में आशा उपजा देती है। 

कभी निहारती अपने को, कभी भूल जाती 
श्रृंगार करती हो बेखबर, प्रेम जगा देती है 

वक्तव्य कब देना,कब रुक जाना,इशारे ये ,
वक्त के पहले, बाद इशारा से समझा देती है। 

विशेषता है कि जिन्दगी पहलू नहीं पहेली है,
सुलझा कर समस्याओ को अनुभव देती है, 

किताब जीवन पर्यन्त पढ़ने की करो कोशिश ,
मैं साकार सगुण हूँ! स्वयं चिल्लाकर बता देती है । 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #good_night #जिन्दगी पहेली
19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White #छंदमुक्त कविता
#दिनांक:-25/8/2024
#शीर्षक:- सबके संग रम जाते कृष्ण। 

अँखियन मिचत रोवत आवे कृष्ण, 
नटखट कान्हा खूब ही भावे कृष्ण ।
माँ पुकार से जियरा हरसाये कृष्ण,
घुटुरन बकैया-बकैया मनभावे कृष्ण ।। 

माटी मुँह, रज चंदन देह में लपेटे कृष्ण,
क्रीड़ा करत मित्र ब्रज वीर समेटे कृष्ण ।
मुग्ध गोपियन, मुग्ध मैया, बाबा है कृष्ण,
पशु-पक्षी मुग्ध हो हरि से लिपटे कृष्ण ।। 

मामा कंस को बहुत खिझाते कृष्ण,
राधा गोपियों को बहुत रिझाते कृष्ण ।
कालीनाग को सबक सिखाते कृष्ण,
नटखट है, भोले कुमार दिखाते कृष्ण ।। 

लक्ष्मी स्वामी नाना भेष बनाते कृष्ण,
पशु पक्षी सबके संग रम जाते कृष्ण ।
गोपाल स्वरुप मन को लुभाते कृष्ण,
विपदा में सर्वप्रथम याद आते है कृष्ण ।। 

धन्य यमुना किनारे रास रचाते कृष्ण, 
गोप, गोपिका को प्रेम में फँसाते कृष्ण ।
बावरी राधा के विश्वास को भाते कृष्ण,
गेह-गेह चोरी कर मक्खन है खाते कृष्ण ।। 

गोकुल गलियों में चरण की थाप कृष्ण,
जन-जन में प्रेम सौहार्द के छाप कृष्ण ।
ब्रह्मांड के देवि देवता करते पान कृष्ण,
प्रतिभा पुकारे आठो याम कृष्ण-कृष्ण ।। 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #Krishna #सबके_साथ_रम_जाते_कृष्ण
19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White #विधा:- अतुकांत 
#दिनांक:-21/8/2024
#शीर्षक:-क्या तुम कभी?

हाँ, तुम मुझे जानते हो...,  
पर अगर प्रश्न करूँ,  
कितना जानते हो...?  
तुम अनमने से हो जाते हो,  
बहुत सोचते हो, पर जवाब क्या है?  
कुछ आदतों को बताते हो,  
पर स्त्रीत्व को नहीं समझ पाते हो।  
एकांत क्या है, यह स्त्री से पूछो।  
आदतों और व्यवहार से ऊपर,  
स्त्री को जानने की कोशिश करना,  
रसोई से लेकर हमबिस्तर तक,  
सब जाने-पहचाने हैं,  
पर क्या यही स्त्री का सम्पूर्ण स्थान है?  
कहाँ घर है और कहाँ बसाया जाना है?  
अनादिकाल से तलाशती अपनी पहचान,  
पूछती मायके से और पूछती पति परमेश्वर से,  
पर जवाब कहाँ है?  
कई गुप्त बातें गुप्त तरीके से दफन हो जाती हैं,  
प्रेम अच्छाई ही ससुराल का कफन बन जाती है।  
स्वयं के दुःख-दस्तावेज पर स्वयं हस्ताक्षर करती,  
स्वयं की लड़ाई खुद ही कुरुक्षेत्र में  लड़ती।  
सपनों का पीछा करती और सपनों में तड़पती,  
मन के गाँव को कभी देख पाए हो?  
स्त्री के रिश्तों के व्याकरण को समझ पाए हो?  
स्त्री दृष्टिकोण का अनुवादक बन पाए हो?  
क्या तुम कभी,  
किसी स्त्री को जान पाए हो???

(स्वरचित,मौलिक और सर्वाधिकार सुरक्षित है)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #love_shayari क्या तुम कभी
19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White नमन मंच 
#दैनिक प्रतियोगिता
#दिनांक:-17/8/2024
#शीर्षक:-आवाज मन की

ताना-बाना दिमाग का मन से,
छुआ-छूत जाति-धर्म मन से ।
मिटाते भूख नजर पट्टी बांध-,
बाद नहाते तृप्त हो तन से।

क्या गजब खेल मन का भईया ,
दुश्मन भी कुछ पल का सईया। 
उद्घाटित उद्वेलित उन्नत उन्नाव -,
उद्विग्न हो नियम की मरोड़ता कलईया।

फिर दलित सवर्ण हो जाते समान,
हवस मिटा करते भी हैं बदनाम ।
धर्म कहाँ गुम हो जाता उस क्षण-,
बर्बाद कर जिन्दगी बनते महान।

आदिकाल से ऐसा होता आ रहा, 
मजबूर माँ-बाप रोता रह जा रहा। 
आखिर कब ये सिलसिला रुकेगा ,
मामला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा।

कौन सा अब कानून बनाया जाए, 
बलात्कार पर अंकुश लगाया जाए। 
मन की तृप्ति सम्भव जान पड़ती,
तन की अतृप्ति रोज सुनामी लाए।

आवाज मन की है उद्गार कौन करे,
तड़प मन की है भाव कौन पढ़े ,
अपनी खिचड़ी में परेशान दुनिया,
सुरक्षित सुरक्षा कवच कौन गढ़े ।

(स्वरचित, मौलिक, सर्वाधिकार सुरक्षित है)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #sad_shayari आवाज मन की
19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White #विधा:- देशभक्तिगीत
#दिनांक:-15/8/2024
#शीर्षक:-आओ गुणगान देश का गाए। 

आओ गुणगान देश का गाएं, 
गगनचुम्बी तिरंगा फहराएं ।टेक।

सदा सत्य को बतलाने वाला,
शौर्य पराक्रम निभाने वाला, 
जज्बात वीरों में भरने वाला, 
भारतीयता हमें दिलाने वाला। 
साक्षी वीरगाथा सुनाने वाला, 
स्वतंत्रता पर विजय गीत सुनाएं।
आओ गुणगान देश का गाएं।
गगनचुम्बी तिरंगा फहराएं ।1।

कोई जनरल शहीद कोई भगत,
कोई बना सुभाष कोई वल्लभ। 
कोई बने गांधी, कोई लक्ष्मीबाई, 
प्रत्यक्ष कारगिल दिखाते लडाई। 
वेदांत नियम का पढ़ाते पढ़ाई, 
विनयशील उदार जीवन बनाएं। 
आओ गुणगान देश का गाएं। 
गगनचुम्बी तिरंगा फहराएं ।।2।

लाल किले पर फहर रहा तिरंगा, 
शिक्षा विजय की दे रहा तिरंगा। 
धर्मचक्र प्रतीक अशोकचक्र तिरंगा, 
सभी को एक धागे में पिरोये तिरंगा। 
हम सबकी आन-बान-शान तिरंगा, 
शक्ति शान्ति सत्य धरा पवित्रता बनाए, 
तीन रंग तिरंगा हमें आदर्शवाद बताए ।
आओ गुणगान देश का गाएं।
आओ गगनचुम्बी तिरंगा फहराएं ।।3।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #happy_independence_day आओ गुणगान देश का गाएं

#happy_independence_day आओ गुणगान देश का गाएं #कविता #विधा #शीर्षक #दिनांक

19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White इन्सानियत खो गई

बिछुड़न की रीति में स्वयं को पहचाना 
भीडतंत्र में बहुत प्रतिभावान हूँ जाना ।।1।

नयन कोर बहते रहे शायद कभी सूखे 
राधा का चोला उतार पार्वती सरीखे ।।2।

तुम गए ठीक से, पर सबकुछ ठीक क्यूँ नहीं गई
इरादे वादे सारे तेरे गए पर याद क्यूँ नहीं गई।।3

सुन्दर सुनीत सुशील सुशोभित सुकोमल 
नीरज से नफरत अँकुडी प्रेम उन्नत दो दल ।।4।

पहनकर चैन, कोशिश सुकुन को भूलने की 
प्रेम से बगावत, झूठी वजूद झूला झूलने की ।।5।

इंसानियत खो गई बन गए इंसान लाचार 
अनुभवहीन की पाठशाला पढ़ते व्यवहार ।।6।

दिखावटपन का बोलबाला बोली में शामिल
इश्क मशहूर किए करके शेरो-शायरी गालिब ।।7।

ब्रह्मांड से चाँद भला क्यूँ कर कोई ला सकता 
अधर मुस्कान ही पूरे विश्व में जगमगा सकता ।।8।

कभी किनारे बैठ समन्दर का विलाप सुनने 
जल गाता है विरह गीत किसी नए राग धुन मे ।।9।

चोटें मिलीं इतनी, वर्ना प्रेमी बन आहे भरते थे
पूरातन में पत्थर भी कभी मिट्ठी हुआ करते थे ।।10
।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #love_shayari इंसानियत खो गई

#love_shayari इंसानियत खो गई #कविता

19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White 
#दिनांक:-3/8/2024
#शीर्षक:-मोहन सी प्रीति।

मन का भोलापन कैसे बताए,
कभी खिला-खिला कभी मुरझाए। 

कहता नहीं फिर भी कहना चाहे, 
बिन जाने सुने तर्कसंगत बन जाए। 

गम का छांव लिपटस सा लिपट ले, 
तो अनमना मन कभी रूदन को चुन ले। 

संघर्ष से डरता नहीं फिर भी अग्रसर नहीं, 
तूफानो से भिड़ता पर विचार करता नहीं ।

कभी खुशी में झूम-झूमकर इतराए, 
नाचे गाये उत्साहित हो जोश जगाए ।

मन भी कमाल का व्यक्तित्व रखता है, 
कभी सलाह देता कभी सहयोग चाहता है।

चीखकर अवचेतन सा गुमसुम गम्भीर, 
कभी चित्त चितवन भजन-कीर्तन धीर।। 

मन खुश तो जीवन सुखद महसूस, 
मन अशांत जीवन दुखीराम मनहूस।

मन को सदा प्रभावित प्रसन्न रखिए, 
जीवन सफल, धड़कन में प्रेम रखिए ।

प्रतिदिन अर्चन और करो ऊँ जाप, 
मोहन सी प्रीति हो कट जाए ताप ।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #love_shayari मोहन-सी प्रीति Dinesh Kashyap  हिंदी कविता

#love_shayari मोहन-सी प्रीति Dinesh Kashyap हिंदी कविता #शीर्षक #दिनांक

19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

White #गुरु पूर्णिमा विशेष 

जैसे लहरों के लिए, 
  किनारों की
   जरूरत होती है,
     आसमान को
       चमकाने के लिए,
         सितारों की
           जरूरत होती है,
             अपने आप को
                परखने के लिए,
                   पैमानों की, 
                     जरूरत होती है ।
पैमाना जो,
 सिखाता है,
  पूरे जीवन का सार,
   संक्षेप में बताने के लिए, 
    उदाहरण की खोज करता है,
     हमारा अस्तित्व,                                      
      बताने के लिए,  
       हमें 'नर से नारायण',
        बनाने के लिए,
         जो अकथनीय निरंतर,
          प्रयास करता है,
           जीवन के सार को 
            संक्षिप्त में बताता है...!
             बस उसी का नाम गुरु है,
              ऐसे गुरु चरणों में,
               नमन बारम्बार है |

(रचना मौलिक,स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #guru_purnima🙏🏻

guru_purnima🙏🏻 #कविता #गुरु

19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

#चाह_के_लिए_चाहत❤️❤️

चाह_के_लिए_चाहत❤️❤️ #वीडियो

19875d1971a79acc0d2df6db1d3a8045

Pratibha Pandey

#दिनांक:-12/7/2024
#शीर्षक:- प्यारे बच्चे। 

मन के सच्चे प्यारे बच्चे,
हर जिद को रोकर मनवा लेते,
शैतानी में शैतान के बप्पा,
फिर जिद से हर काम करा लेते। 

बातें ऐसी मन को मोहें, 
वीर भाव से लोहा लें। 
नंग-धडंग घूमते घर में,
इटली दो, पोहा पर लोटें। 

ऐसी हालत घर का बनाए,
मेहमान भी बचते गिर जाए।
हर कोना गुलजार शोर से ,
जब तब दिवाल से भिड़ जाए। 

सब्जी फल खाने से दूर रहें, 
मैंगी पिज्जा बर्गर चिप्स कहें।
उनकी अगर लड़ाई देखो,
दांत टीसते फौरन काटें । 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #प्यारे बच्चे❤️❤️ @pratibha pandey
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile