Find the Best शीर्षक Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about महायज्ञ का पुरस्कार शीर्षक की सार्थकता, शीर्षक लेखन के प्रकार, शीर्षक लेखन के गुण, शीर्षक का मतलब, गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए,
AbhiJaunpur
#236 !!बेसहारा लड़की!! काश कोई तुम्हारा हाथ पकड़कर कहता तुमसे, जिंदगी के हर रास्ते पर तुम्हारे साथ साथ चलेंगे। काश कोई कंधे पर हाथ रखकर कहता तुमसे, तुम डरती क्यूँ हो? हम साथ है तो किसी से क्यूँ डरेंगे? काश कोई होता जो पीठ थपथपाकर कहता तुमसे, तुम आगे बढो, हम हमेशा तुम्हें ,तुम्हारे पीछे खड़े मिलेंगे। काश कोई होता जो माथे को चूमकर कहता तुमसे, तुम पर आने वाली मुसीबतो से,पहले हम लड़ेंगे। काश कोई होता जो गले लगाकर कहता तुमसे, तुम लड़की हो तो क्या? तुम्हारी जिंदगी में भी सफलता के दीप जलेंगे।। ©AbhiJaunpur #बेसहारालडकी #शीर्षक #AbhiJaunpur #motivatation #girl #Nojoto #Modrater #everyone #repost_please #Support Anshu writer Suman Bedi Mukesh Poonia अदनासा- Rajesh Arora Khushi soni sakshi yadav Rakesh Srivastava Ritu Tyagi Madhu Kashyap Pushpa Rai... Munni Nîkîtã Guptā Anjali Verma Madhusudan Shrivastava Dimple girl Ashutosh Mishra Anjali Yadav अहिरानी Lucknow pooja mourya poetess Pratima Upadhyay sandhya maurya (official) Priyanshi Negi Anjali Maurya nikku maurya pooja mourya
Pratibha Pandey
#दिनांक:-26/12/2023 #शीर्षक:-मसल कर कली को। चाँद का दाग अब अदृश्य होने लगा है, बेकरार सजन, फिर क्यूँ दम्भ भरने लगा है ? लाली बिखेर प्यार की सांझ से, अब काली रात से क्यूँ डरने लगा है ? खूबी बेकरार होकर करार मांगता है , प्रेम में आलिंगन आर-पार मांगता है, कोर से गिरते अश्क-धार , लोचन मींचते कर बार-बार कांपता है । यौवन की मनमोहक कली, अधूरी महक को, अब पूरा चाहने लगा है, चाँद का दाग अब अदृश्य होने लगा है, बेकरार सजन फिर क्यूँ दम्भ भरने लगा है?।1। कहों कैसे विस्मृत करूँ दिलदार को, पहली चुम्बन पहले प्यार को! सिहरन अब भी बाकी रोम-रोम में , सुहाने मौसम हुए गुलजार को। नटखट मन प्रिय से, प्रथम प्रेम तारुण्य चाहने लगा है , चाँद का दाग अब अदृश्य होने लगा है, बेकरार सजन फिर क्यूँ दम्भ भरने लगा है ?।2। श्रृंगार कर ख्वाब हसीन बुन रही ख्वाहिश, नेह सुमन से आँचल भरने की कर रही फरमाइश, उर के अंदर हर कंप को दृग करो प्रिय, छोड़ो बचपना ना करो अब नुमाइश । बेकरारी की हद पार हो रही, पोर-पोर में अब उष्णता फैलने लगा है, चाँद का दाग अब अदृश्य होने लगा है, बेकरार सजन फिर क्यूँ दम्भ भरने लगा है।?3। मसल कर कली को, फूल गुलाब कर दो, सूखे कुएँ में आब भर दो, हरियाली देखे बरस बीत गए , बंजर धरती पर हरित की दाब कर दो । अज्ञात सुखद एहसास की मदिरा! सजनी के साथ साजन पीने लगा है , चाँद का दाग अब अदृश्य होने लगा है, बेकरार सजन फिर क्यूँ दम्भ भरने लगा है ?।4। (स्वरचित) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई ©Pratibha Pandey #ballet
Pratibha Pandey
#शीर्षक:- पत्नी की पहचान है। यदि पति ईश्वर है तो पत्नी देवी शक्ति स्वरूपा है, पति यदि बादल है,पत्नी हरित वसुधा रूपा है । है पति यदि समन्दर कोई,पत्नी कल-कल बहती धारा , है पति यदि पथ,तो पत्नी खुशमिजाज मंजिल का सहारा। पति यदि ॠतु है तो पत्नी भी ऋतु-धारा , पति यदि चांद धवल है तो पत्नी मधुर चाँदनी श्रृंगारित सितारा। पति यदि है प्रेम की करवट , तो पत्नी जी प्रेम की अंगड़ाई है, पति यदि मधुरस है तो पत्नी मदहोश नशीली गहराई है। पति यदि विरत है,तो पत्नी अनुरक्त है सिद्धि , पति यदि सोलह सावन व्रत है तो पत्नी प्रारब्ध की मंजूषा की रिद्धि। पति यदि खुशी है तो पत्नी चैन-सुकून है, पति यदि जज्बात प्रबल है तो पत्नी प्रेम-फव्वारा जून है। पति यदि हैं कोरे कागज तो पत्नी इन्दधनुषी रंग है , पति यदि हुई स्नेह-वर्षा तो पत्नी सीप की मोती-सी प्रेम रंग है । पति यदि विश्वास है तो पत्नी समर्पण है , पति यदि बस प्यार इज्ज़त दे तो पत्नी का सर्वस्व अर्पण है । पति-पत्नी मात्र नाम नहीं प्रेमिल परिवार और समाज है , सदियो से अस्तित्व था,रहेगा और आज है। पति विशेषता जितनी उतनी विशेषण पत्नी में निहित समान है , पति नाम बस नाम नहीं , पत्नी की पहचान है । शास्त्रों में सात जन्मों का मिलान है पत्नी नाम पति-जीवन का संविधान है, चले मिलकर तो जीवन खुशहाल जीवंतशील, टकराव भी, तकरार भी इस रिश्ते का विधान है | (स्वरचित) प्रतिभा पाण्डेय "प्रति" चेन्नई ©Pratibha Pandey #mohabbatपतिपत्नी
Pratibha Pandey
#दिनांक:- 14/9/2023 #शीर्षक:- युवा हैं हम हम युवा हिन्दी से हिन्दुस्तान का गौरव बढायेंगे, तन मन धन से निजभाषा उन्नति का नारा लगायेंगे | अभिनंदन संस्कृति का, अभिलाषा जन-गण-मन गाते रहें, हिन्दी से हिन्दुस्तान का हर कोना-कोना सजायेंगे | हिन्दुस्तान के हम युवा, हिन्दी के केन्द्र बिन्दु हैं, अपनी ताकत से, हिन्दी का परचम,पूरे विश्व में फहराएंगे | फिल्मों के सिरताज मुकुट, हमारे सिर बिराजे हैं, भारत में धूम मचाये हैं, विदेशो में भी धाक जमायेंगे | सभी भाषाओं की जननी संस्कृत मनोरम की बेटी हिन्दी, सरस, सुन्दर, मीठी, सरल हिन्दी को घर-घर पहुंचायेंगे | रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है| प्रतिभा पाण्डेय"प्रति" चेन्नई ©Pratibha Pandey
#Sneha Sharma
स्वरचित #शीर्षक दिल का दर्द दिल जिसे ख़त लिखने की ख़ता करता है, नहीं जानते शायद वह मेरे घर का क्या पता है। इसकी सूरत ना कोई इसका पता होता है, फिर भी ना जाने क्यों उनके होने का गुमान होता है। दिल के घाव जब कभी कोई छोड़ देता है, यादों का लहू तब यूं रिस-रिस के बहता है। दिल का दर्द बन आंसू ये कहता है, न करो दवा कोई के दर्द और बढ़ता है।। स्वरचित स्नेह शर्मा ©Sneha Sharma #Sawera शीर्षक दिल का दर्द
Shitanshu Rajat
चलो फिर राज़ ताज़ा कर लेते हैं, यादों के पिटारे से, चलो कुछ बात कर लेते हैं, आसमाँ के टूटते तारे से, यूँ खामोश भी तो महफ़िल मुक्कमल नहीं होती, कोशिश के बिना ही दावेदारी प्रबल नहीं होती, तो कुछ कदम तुम चलो, कुछ दूरी मुझपर छोड़ दो, हाल पर अपने ध्यान दो, सवाल इस ओर मोड़ दो, क्या आसमाँ-सा खाली और समन्दर-सा शोर हूँ मैं, मैं ही अकेली रात हूँ, और खिलखिलाता भोर हूँ मैं। तो जगमग दिन की तुम ले लेना, मैं बिखरी रैन सही, होंठो की हंसी तुम रखना, मैं बेचैन दो नैन सही। #3april2k17 #NaPoWriMo #YQPoetry #YQBaba #YQDidi #YQ #शीर्षक #title #गुफ्तगू #बात_दिल_से #राज़ #मिलन #महफ़िल #बेचैन_नैन #silences #talkative_heart #day_night...... #शितांशु_रजत.......
Poonam Suyal
रात चाँदनी में नहाई है.... दिल को किसी की याद आई है.... मोहब्बत दिल में लेने लगी अंगड़ाइयाँ.... ये कैसी रुत जीवन में आई है.... तारे टिमटिमा रहे आसमां में.... जैसे खुशियों की बारात आई है.... खूबसूरत है कितना समा.... उनके आने की ख़बर जो आई है.... अब ये है चाहे तिलिस्म या सच्चाई.... हमको तो मदहोशी छाई है.... चाँद भी पूरे शबाब से है चमक रहा.... उसने भी अपनी ख़ुशी जताई है.... #rztask491#rzलेखकसमूह#restzone#rzhindi#yourquotedidi#लेखनसंगी#शीर्षक "ख़ूबसूरत शमा" रात चाँदनी में नहाई है.. चाँद को देख मुस्कुराई है.. चाँद से बरसता हो नूर जैसे.. ज़िन्दगी में मदहोशी छाई है.. रात है की जन्नत का नज़ारा.. किस ने ये तिलिस्म फैलाई है..
Rk_karn1511 अनकही सी बातें
#शीर्षक: **__जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर__** जिंदगी मिली है तो जीना सीखो छोड़ के अपने आशियाने को कुदरती रंग में ढलना सीखो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर अपनी कल्पनाओं को उड़ान दो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर उम्मीद का दामन छोड़ो हौसलों की उड़ान भरो खुद से खुद की पहचान करो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर आंखों की नमी छुपा के मुस्कुराना सीखो भुला के सारे गमों को नई यादों को संजोना ना सीखो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर हारने से पहले जितना सीखो गिरने से पहले संभलना सीखो अपने पराए का भेद मिटा ना सीखो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर जिंदगी मिली है तो खुल के हंसना सीखो जो साथ दे उनके साथ चलना सीखो अपनों पर विश्वास करना सीखो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर अंधेरी गलियों से निकल यारों के संग मस्ती करना सीखो अपनी ख्वाहिशों को पंख दो जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर अपनी कल्पनाओं को आकार दो अपने सपने साकार करो सही क्या गलत क्या पहचान करो ..! Roopa Kumari karn ©Rk_karn1511अनकही सी बातें (Rõõpâ) #शीर्षक: **__जो ऐसा हो तो क्या डरना फिर__** जिंदगी मिली है तो जीना सीखो छोड़ के अपने आशियाने को कुदरती रंग में ढलना सीखो
Aniket Sen
अब तो लगता है, बचा ही नहीं है कुछ लिखने को, हाँ, वो बात कर ले एक दफ़ा मुझसे, तो मुझे नईं कविता का शीर्षक मिल जाये। #बात #कविता #शीर्षक #लिखाई #bestyqhindiquotes #yqdidi #ifyoulikeitthenletmeknow