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pratibhapandey2251
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Pratibha Pandey

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Pratibha Pandey

#चाह_के_लिए_चाहत❤️❤️

चाह_के_लिए_चाहत❤️❤️ #वीडियो

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Pratibha Pandey

#दिनांक:-12/7/2024
#शीर्षक:- प्यारे बच्चे। 

मन के सच्चे प्यारे बच्चे,
हर जिद को रोकर मनवा लेते,
शैतानी में शैतान के बप्पा,
फिर जिद से हर काम करा लेते। 

बातें ऐसी मन को मोहें, 
वीर भाव से लोहा लें। 
नंग-धडंग घूमते घर में,
इटली दो, पोहा पर लोटें। 

ऐसी हालत घर का बनाए,
मेहमान भी बचते गिर जाए।
हर कोना गुलजार शोर से ,
जब तब दिवाल से भिड़ जाए। 

सब्जी फल खाने से दूर रहें, 
मैंगी पिज्जा बर्गर चिप्स कहें।
उनकी अगर लड़ाई देखो,
दांत टीसते फौरन काटें । 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #प्यारे बच्चे❤️❤️ @pratibha pandey
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Pratibha Pandey


जवानी

शोख चंचलता जिसकी कहानी,
दहकता बदन नाम है जवानी।
नित नये हलचल समेटकर,
बनता कोई दिवाना कोई दिवानी। 

मन के भाव उर्वरक बनकर,
कहीं सख्त कहीं तरल बनकर, 
छुई-मुई सी अनमना तन और मन,
जल्दबाजी नवीन उम्मीद की रवानी। 

सूरत मर्म बर्फ पिघलता शबाब,
कत्थई आँखें पिला दें बोतल भर शराब।
बैचेनियाँ चैन का रास्ता भूल चुकीं, 
बनते बदन का नक्सा कर रहा मनमानी। 

समय का मय नहीं बस भूल होने लगा है, 
यौवनावस्था अपने चरम पर पहुंचने लगा है।
नींद ना आने की जिद कर बैठी, 
होश कहीं दूर नजरबंद हो रोती।
ठिकाना खोजता दर-ब-दर दिल अपना,
भविष्य नहीं पर बुनता अनूठा सपना। 
सर से पांव तक जोशीला उत्साहित मस्ताना, 
कोहिनूर कोहराम मचाता गम होती सयानी, 
आनंद का छलकता जाम सुधबुध हो गई बेगानी,
चमकती चितवन रिझाती गुलबदन जवानी ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #hibiscussabdariffa
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Pratibha Pandey


#शीर्षक:- पत्नी की पहचान है। 

यदि पति ईश्वर है तो पत्नी देवी शक्ति स्वरूपा है,
पति यदि बादल है,पत्नी हरित वसुधा रूपा है । 

है पति यदि समन्दर कोई,पत्नी कल-कल बहती धारा ,
है पति यदि पथ,तो पत्नी खुशमिजाज मंजिल का सहारा। 

पति यदि ॠतु है तो पत्नी भी ऋतु-धारा  ,
पति यदि चांद धवल है तो पत्नी मधुर चाँदनी श्रृंगारित सितारा। 

पति यदि है प्रेम की करवट , तो पत्नी जी प्रेम की अंगड़ाई है,
पति यदि मधुरस है तो पत्नी मदहोश नशीली गहराई है। 

पति यदि विरत है,तो पत्नी अनुरक्त है सिद्धि ,
पति यदि सोलह सावन व्रत है तो पत्नी प्रारब्ध की मंजूषा की रिद्धि। 

पति यदि खुशी है तो पत्नी चैन-सुकून है,
पति यदि जज्बात प्रबल है तो पत्नी प्रेम-फव्वारा जून है। 

पति यदि हैं कोरे कागज तो पत्नी इन्दधनुषी रंग है ,
पति यदि हुई स्नेह-वर्षा तो पत्नी सीप की मोती-सी प्रेम रंग है । 

पति यदि विश्वास है तो पत्नी समर्पण है ,
पति यदि बस प्यार इज्ज़त दे तो पत्नी का सर्वस्व अर्पण है । 

पति-पत्नी मात्र नाम नहीं प्रेमिल परिवार और समाज है ,
सदियो से अस्तित्व था,रहेगा और आज है। 

पति विशेषता जितनी उतनी विशेषण पत्नी में निहित समान है ,
पति नाम बस नाम नहीं , पत्नी की पहचान है । 

शास्त्रों में सात जन्मों का मिलान है 
पत्नी नाम पति-जीवन का संविधान है,
चले मिलकर तो जीवन खुशहाल जीवंतशील,
टकराव भी, तकरार भी इस रिश्ते का विधान है | 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #mohabbatपतिपत्नी
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Pratibha Pandey

ऐ काश,
किस्मतों का भी व्यापार होता, 
उर बिकता दिलों का कारोबार होता,
जितना तड़पता रहा प्रेम, प्रेम के लिए ,
प्रेम का नामोनिशान ना होता, 
जितना घुले हो निकल क्यों ना जाते ?
अक्सर तेरी बातें ही मुझको रुलातीं, 
जिन्दा तो हैं पर मर गया है दिल ,
हार गई हूँ ,ना पाये गए, ना तुम्हें भुलाया जाता !
(स्वरचित)

©Pratibha Pandey
  #lalishq प्यार

#lalishq प्यार #लव

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Pratibha Pandey

#दिनांक:- 14/9/2023
#शीर्षक:- युवा हैं हम 

हम युवा हिन्दी से हिन्दुस्तान का गौरव बढायेंगे,
तन मन धन से निजभाषा उन्नति का नारा लगायेंगे | 

अभिनंदन संस्कृति का, अभिलाषा जन-गण-मन गाते रहें,
हिन्दी से हिन्दुस्तान का हर कोना-कोना सजायेंगे | 

हिन्दुस्तान के हम युवा, हिन्दी के केन्द्र बिन्दु हैं,
अपनी ताकत से, हिन्दी का परचम,पूरे विश्व में फहराएंगे | 

फिल्मों के सिरताज मुकुट, हमारे सिर बिराजे हैं, 
भारत में धूम मचाये हैं, विदेशो में भी धाक जमायेंगे | 

सभी भाषाओं की जननी संस्कृत मनोरम की बेटी हिन्दी,
सरस, सुन्दर, मीठी, सरल हिन्दी को घर-घर पहुंचायेंगे | 

रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है| 

प्रतिभा पाण्डेय"प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
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Pratibha Pandey

विधा:- स्वैच्छिक 
विषय:- अंनतरराष्ट्रीय योग दिवस 

योग धार्मिक विज्ञान है,
अच्छे जीवन के लिए, 
योगासन होना चाहिए,
ताकी निश्छल मन में,
बुरे विचारों को ना जगह मिलना चाहिए! 

रहोगे निरोग, 
स्वस्थ्य रहोगे,
बना लो अनुशासन,
अनुशासित व्यवहार करोगे! 

करो नित नमन बंदनवार,
सुन्दर तन से उपयोगी बनो बार-बार,
करो सद्भावों का आचार-विचार,
रखो स्वच्छ, स्वस्थ्य अपना घर परिवार! 

नित प्रातःकालीन उठिए,
करिये नियमित योग,
खत्म शरीर के हो जायेंगे,
सुगर हो, उच्च रक्तचाप हो,
हो चाहे कोई भी रोग|
अपनाओ योग,
भगाए रोग| 

रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है | 

"प्रतिभा पाण्डेय" चेन्नई 
21/6/2023

©Pratibha Pandey
  #yogaday
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Pratibha Pandey

झंकृत कर दिल के तार 
हरजाई क्यूँ किया पलटवार 
दुनिया भर के क्या ग़म कम थे 
जो तूने भी किया दिल तार तार
करके टुकड़े-टुकड़े अरमानों का 
अब क्यूँ रोता है जार-जार 
सितम देकर फरियादी न बन 
तू ही है जो चाकू पर चढ़ाया था धार
धार्मिक न बन जालिम 
अब तेरे प्रेम का उतार फेंका है हार ।

रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|

"प्रतिभा पाण्डेय" चेन्नई 
12/7/2023

©Pratibha Pandey
  #KhoyaMan प्रतिभा पाण्डेय

#KhoyaMan प्रतिभा पाण्डेय #कविता

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