देखो कविता बात सुनो
तुम ही तो एक सहेली हो
मैं अंदर से घुट बैठी हूं
तुम मुखमंडल पर खेली हो
याद तुम्हारी आई है फिर
दिल का हाल सुनाने को
मैं घर से दूर रहा करती हूं
पैसे चार कमाने को ! #ghazal#poem#yourquote#yqbaba#kavita#yqdidi#sher
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सविता सिंह राजपूत
देखो कविता बात सुनो
तुम ही तो एक सहेली हो
मैं अंदर से घुट बैठी हूं
तुम मुखमंडल पर खेली हो
याद तुम्हारी आई है फिर
दिल का हाल सुनाने को
मैं घर से दूर रहा करती हूं
पैसे चार कमाने को