#नवनीतठाकुर
सुकून की तलाश में न भटका करो यूं ही,
जो भी तुम्हारे पास हो, उसी में खुश रहो।
ज़िंदगी की राहों में कभी न रुको,
जो भी मिला है, उसे जी भर के जी लो।
ख्वाहिशों का तो कोई अंत नहीं,
पर खुश रहने का तरीका है यही— #कविता
नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
न चाहिए कोई ताज, न तख्त-ओ-ताज,
भूख लगी है, नहीं ख्वाब चाहिए।
दो वक्त की सिर्फ रोटी,
या थोड़ा सा अनाज चाहिए।
महल नहीं, एक छत काफी है,
आराम नहीं, बस राहत काफी है। #कविता
नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
आरज़ू भी कहां सुकूं देती,
सांस आती है पर नहीं जाती।
हर दुआ जैसे बेमकसद ठहरी,
कहीं आवाज असर नहीं पाती।
यह सफर, यह तमाम रास्ते,
खुद से मिलने की खबर नहीं लाती। #शायरी
नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर,
सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती।
हर तरफ धुंध-सा फैला हुआ है,
हकीकत कभी नजर नहीं आती।
आरज़ू में कटती हैं सदियां,
पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती। #शायरी
नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
न जाने क्यों उन्हें मेरा साथ गवारा लगने लगा
हमसे हुए मुखातिब, तो हमारा साथ उन्हें जन्नत लगा,
हुआ है सामना मेरा आज जमाने की जिल्लत से,
हुए है वो भी रूबरू अपनी जिंदगी से हाल ही में,
आज उन्होंने जन्नत को भूल जाना ही बेहतर समझा #कविता