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Best नवनीत_ठाकुर Shayari, Status, Quotes, Stories

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नवनीत ठाकुर

White पाँव जो फिसले तो सम्भल जाएंगे,
मगर नज़रों से गिरे तो उठ कहाँ पाएंगे।

भूलें तो वक़्त भी सुधार देता है अक्सर,
मगर इज्ज़त के ज़ख़्म कहाँ भर पाएंगे।

©नवनीत ठाकुर #नवनीत_ठाकुर

नवनीत ठाकुर

White सामने जो था, हर इल्ज़ाम उसी पर आया,
जिसे देखा ही नहीं, वो निर्दोष नज़र आया।

सच कहने चला जो, ग़लत कहलाया,
ख़ामोश जो रहा, वो समझदार आया।

दर्द सहे जिसने, वही ग़ुनहगार ठहरा,
जो तमाशाई था, वो होशियार नज़र आया।

जो मिट्टी से उठा, वो रुसवा हुआ,
महलों में जो था, वो मसीहा करार आया।

©नवनीत ठाकुर #नवनीत_ठाकुर

नवनीत ठाकुर

कौन रोता है किसके लिए ऐ दोस्त, 
यहां हर चेहरे को बस मुस्कुराना है।

 लोग पूछेंगे हाल तो हंसकर कहना, 
हर ज़ख़्म को अब ख़ुद ही सहलाना है।

 ग़म की चादर ओढ़कर बैठे हैं हम, 
ज़माने को फिर भी बहलाना है।

आंसुओं की कीमत यहां कौन जाने, 
हर दर्द को हंसी में छुपाना है।

जो टूट गए हैं, वो क्या शिकायत करें, 
अब खुद को ही फिर से बनाना है। 

बिछड़कर भी कोई याद क्यों आता है, 
दिल को हर रोज़ ये समझाना है।

रौशनी के शहरों में अंधेरा मिला,
 अपनी परछाईं से भी घबराना है।

तन्हाइयों ने अब दोस्ती कर ली,
 हर शाम खुद को ही अपनाना है।

©नवनीत ठाकुर #नवनीत_ठाकुर

नवनीत ठाकुर

मुझे कमजोर समझने की भूल न कर,
मैं शांत हूँ, मगर लाचार नहीं।
जो सह लिया, वो सब्र था मेरा,
पर हर घाव अब बेक़रार नहीं।

मेरी खामोशी को मेरी हार न मान,
मैं लहर हूँ, मगर किनारा नहीं।
जो आज ठहरा हूँ, तो वक़्त की चाल है,
पर जब चलूँगा, तो सहारा नहीं।

बदले की आग को मत हवा दे,
मैं चिंगारी हूँ, पर राख नहीं।
जो जल गया, वो खाक हुआ,
पर मैं वो हूँ, जो बुझा नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीत_ठाकुर

नवनीत ठाकुर

White "नज़रें उठाईं तो हर मोड़ पर कुछ अनकहा सा था,
जैसे कोई रहगुज़र मुन्तज़िर था, लेकिन ग़मों से भरा।
हर सांस थमने को थी, हर धड़कन में ख़ामोशी बसी,
जैसे दिल के किसी कोने में सन्नाटा मुन्तज़िर था।"

"ख़्वाबों के आईने में तसव्वुर ख़ामोश हुआ,
उसकी आवाज़, हर पल में एक जज़्बा मुन्तज़िर था।
हर इक चराग़ जलते हुए बुझने को था तन्हाई में,
शायद किसी और सफ़र का ख्वाब मुन्तज़िर था।"

"उसे देखने की आरज़ू मेरी आँखों में सिमट कर रह गई,
जैसे हर पल में कोई ख्वाहिश, मुन्तज़िर थी।
वो पास था, फिर भी अपने ख्वाबों में खो गया,
जैसे दिल की धड़कनों में कोई नया सफ़र मुन्तज़िर था।"

©नवनीत ठाकुर #नवनीत_ठाकुर

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