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shri2196141925756
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Shri

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Shri

एक नयी शुरुआत, निराश मत हो मंजिल मिल ही जाएगी,
मेहनत कर राहें आसान हो जाएगी।,
जितनी काली अँधियारी रात होगी,
सुबह उतनी ही सुनहरी हो जाएगी।

©Shri #nayishuruaat
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Shri

एक नयी शुरुआत, उत्साह का दीप जलाए रख,
मत आस लगा प्रभाकर की। 
जुगनू भी हैं राहे रोशन,
मत निहार डगर सुधाकर की।

सरिता कल कल बहती जाए,
कब पूछे गलियाँ सागर की।
तू भी संबल अपना ही बन,
मत छलका बूंदें गागर की।

©Shri #nayishuruaat
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Shri

आबादी विस्फोट हुआ
जलस्तर पाताल पहुंच गया,
आँधी, सूखा, ज्वालामुखी।
भूस्खलन और बाढ़ आपदा,
कैसे रहेगा मनुष्य सुखी।

भूमि सम्पदा, वृक्ष सरिताएँ,
खनिज पदार्थ जंगल बूटी।
संतुलन बिगड़ा पृथ्वी का,
मानवता सुख आशा टूटी।

संसाधन सीमित वसुधा के,
अंधाधुंध है उपयोग यहाँ।
जनसंख्या बढ़ती जाती है,
कैसे पूर्ति पड़ पाए यहाँ।

©Shri
  #आबादी
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Shri

आबादी विस्फोट हुआ
जलस्तर पाताल पहुंच गया,
आँधी, सूखा, ज्वालामुखी।
भूस्खलन और बाढ़ आपदा,
कैसे रहेगा मनुष्य सुखी।

भूमि सम्पदा, वृक्ष सरिताएँ,
खनिज पदार्थ जंगल बूटी।
संतुलन बिगड़ा पृथ्वी का,
मानवता सुख आशा टूटी।

संसाधन सीमित वसुधा के,
अंधाधुंध है उपयोग यहाँ।
जनसंख्या बढ़ती जाती है,
कैसे पूर्ति पड़ पाए यहाँ।

©Shri #आबादी
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Shri

पर्यावरण आवास बेकारी,
ये विकट समस्या सम्मुख है।
पैदा होता आर्थिक संकट,
मंहगाई खोले शत मुख हैं।

प्राकृतिक संसाधन,जल,वायु,
प्रतिकूल हो रहे इन्सान के।
विनाश न्योत रही सभ्यता,
खिलाफ खड़ी भगवान के।

जलस्तर पाताल पहुंच गया,
आँधी, सूखा, ज्वालामुखी।
भूस्खलन और बाढ़ आपदा,
कैसे रहेगा मनुष्य सुखी।

©Shri #आबादी
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Shri

आबादी विस्फोट हुआ है,
संसाधन घटते ही जाएँ।
वसुधा त्राहि त्राहि कर रही,
मनुज नींद से जाग न पाएँ।
मौसम का मिजाज बिगड़ा है,
ग्लोबल वार्मिंग की आफत।
ग्लेशियर पिघलते जाते हैं,
"श्री"कौन बचाएगा भारत।

©Shri आबादी#

आबादी#

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Shri

मेहनत
लक्ष्य
और
सफलता की सीढ़ियां

©Shri
  #VivekanandThoughts
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Shri

मेहनत
लक्ष्य
और
सफलता की सीढ़ियां

©Shri
  #VivekanandThoughts
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Shri

मेहनत
लक्ष्य
और
सफलता की सीढ़ियां

©Shri #VivekanandThoughts
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Shri

मंजिल को तो मिलना ही है,
स्वेद कण न कम पड़ने पाए।
श्रम वारि जहाँ पड़ जाती हैं,
वहीं से निर्झर झरते जाए।

नमकीन मोती तेरे मस्तक के,
मिल रश्मि से झिलमिल सतरंगी।
वसुधा सुरभित हो जाती है,
फुलवारी कुसुमित बहु रंगी।

©Shri
  #VivekanandThoughts
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