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ramjitiwari1532
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Ramji Tiwari

मेरी वजह से कभी किसी का दिल ना दुखे न किसी का अहित हो बस मेरे जीवन की यही प्राथमिकता है

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Ramji Tiwari



        *दिवाना खाटूश्याम का*

मैं हो गया हूँ दिवाना खाटूश्याम का 
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

दर्शन के बिना एक पल भी चैन नहीं है
बिना श्याम पुकारे कटती रैन नहीं है
कान्हा के सिवा कोई न मेरे काम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

भटक रहा हूं दर दर दिखे नहीं कन्हाई
कोई पता बता दो दे रहा हूं दुहाई 
कहांँ मिलेगा घर मनमोहन घनश्याम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

चलते चलते पैरों से रक्त लगा बहनें
मिल के रहूंगा चाहे अद्याय पड़ें सहनें
 नहीं भय है मुझको अब किसी भी परिणाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

सुना वृन्दावन रहते हैं मेरे कृपालू
सब पर दया करते हैं मधुसूदन दयालू
मैं हो गया पुजारी कान्हा के नाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

कृष्ण के दरबार में अर्जी हमें लगानी
दया के सागर को व्यथा अपनी सुनानी
समाधान मिल जाएगा उलझन तमाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

हमको मनमोहन की सेवा में रहना है
वृन्दावन रहकर राधे- राधे कहना है
कौन ग्राम पड़ेगा मेरे श्री सुखधाम का
कोई मार्ग बता दो वृन्दावन धाम का

       - स्वरचित मौलिक रचना-राम जी    तिवारी"राम"
                    उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari
  #जयश्रीराधेकृष्ण
#वृन्दावनधामका Sudha Tripathi Author Shivam kumar Mishra deepshi bhadauria Raushni Tripathi

#जयश्रीराधेकृष्ण #वृन्दावनधामका Sudha Tripathi Author Shivam kumar Mishra deepshi bhadauria Raushni Tripathi #Poetry

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Ramji Tiwari

तेरे नैना मधु के प्याले
चितवन कटीली डोरे डाले
जब लहराती खुली जुल्फों को
गगन में छाते बादल काले

©Ramji Tiwari
  #love

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Ramji Tiwari

वेदना के स्वरों को साज देता हूँ 
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 
अपना हो या पराया या कोई किस्मत का मारा 
 हर किसी का दर्द मैं बाँट लेता हूँ
वेदना के स्वरों को साज देता हूँ
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 
जो हो किसी का सताया 
अपने से ही हो धोखा खाया 
बिन कहे हर बात को मैं जान लेता हूँ 
वेदना के स्वरों को साज देता हूँ 
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 
दर्द वो जो कह न पायें 
मन ही मन में कसमसायें 
बिन कहे तड़पकर रह जायें 
उनके दिल की हर तड़प हर बात कहता हूँ 
वेदना के स्वरों को साज देता हूँ 
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 
कोई रो रहा किसी के वियोग में 
कोई याद में आंसू बहा रहा है 
कोई प्यार में धोखा खाकर 
मन ही मन पछता रहा है
उनके जज्बातों,भावनाओं को पढ़कर 
हर एक मन की बात लिखता हूँ 
वेदना के स्वरों को साज देता हूँ 
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 
चाहते थे जो संग जीना ,संग मरना 
मानकर घरवालों का कहना 
त्याग कर अपनी खुशी को 
मजबूरीवश एकदूजे से दूर रहते हैं
टूटा उनका हर एक ख्वाब लिखता हूँ 
वेदना के स्वरों को साज देता हूँ 
मैं विरह की वेदना को आवाज देता हूँ 

-रामजी तिवारी

©Ramji Tiwari #lonely
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Ramji Tiwari

जाति,धर्म, धन दौलत प्रभु राम को नहीं प्यारे हैं 
जिनके ह्रदय प्रभु भक्ति,  प्रेम बसे 
रघुकुल नन्दन वहीं पधारें हैं 
रावण का वध करना होता
 खुद राम नहीं वन को जाते 
लक्ष्मण ही समर्थ थे
 वो ही संहार कर आते 
भक्तों की इच्छा और मुक्ति के खातिर 
स्वयं आप ही वन को चुना 
सबरी,अहिल्या ,बाली,मंदोदरी
 न जानें कितनों की मुक्ति का ताना बाना बुना 
मारे सारे असुर निशाचर 
जन जन को भय मुक्त किया 
मित्रता निभाई सुग्रीव से 
भाई से भाई को भय मुक्त किया 
तोड़ अभिमान सागर का
 अपनी प्रभुता दिखलाई 
सागर से भी बड़ा  प्रण है
 ये सीख मनुष्य को बतलाई 
सौ योजन के सिन्धु में भी
 पाषाणों को भी तैराया है 
कल्पना से भी था जो परे
 उसको करके दिखलाया है 
सत्य और धर्म की स्थापना के निमित्त
 लंकेश का वध कर डाला है 
लालसा नहीं  थी राजस्व या सोने की लंका की 
धर्म ध्वजा फहरानी थी
असत्य को परास्त कर जग में  
सत्य की डंका बजानी थी 
राज धर्म की खातिर 
अति प्रिय सीता का त्याग किया
खुद आप हलाहल पी बैठे
 पर कर्तव्यों का निर्वाह किया 
राजधर्म,पुत्रधर्म, पत्नीधर्म
 हर धर्मों का पालन करते हुए 
आदर्श पुरूष के जीवन को चरित्रार्थ किया 
मानव के उत्तम चरित्र और जीवन की 
हर सीख ही" रामायण" है 
सबसे सुन्दर,सुखदायी गंगा सी जो पावन है 
                जय श्रीराम 

-रामजी तिवारी

©Ramji Tiwari #जयश्रीराम 
#Devotional 
#LordRama 
#historical 
#motivate
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Ramji Tiwari

दीपावली थी आने वाली घर की चल रही थी साफ सफाई 
सब कमरे हो चुके थे साफ अब अन्तिम कमरे की थी बारी 
सीढी से ऊपर जाकर ज्यों ही कमरे का दरवाजा खोला 
देखकर उसकी अस्तव्यस्त दशा को घबड़ा कर मेरा मन भी डोला 
कागज के पुर्जों और तस्वीरों से कमरा पूरा पटा पडा था 
मेरे ठीक सामने ही एक लिफाफा फटा पड़ा था 
झुककर जैसे ही मैनें उसे उठाया
 उससे गिरकर एक तस्वीर मेरी आँखों के सामनें आया 
भूल चुका था जिन यादों को वो यादें फिर से उभर आईं
तस्वीर में मुझको मेरी अनारकली नजर जब आई 
सहसा ही यादों के पन्ने सारे पलट चुके थे
पानी की बूँदों की माफिक आँखों से आँसू टपक गए थे 
मैं उसकी यादों में खोया गुमसुम ऐसे बैठा था 
मानो हो वो पास में मेरे मैं संग उसके बैठा था 
मीठे मधुर कर्ण प्रिय स्वर उसके कानों में खनक रहे थे 
पायल की रूनझुन ध्वनि से दोनों के मन चहक रहे थे 
खुले केशुओं की छाया में मन था मेरा विश्राम कर रहा 
आँखों ही आँखों में मैं प्यार के था छन्द पढ़ रहा 
सहसा ही कानों में मेरे जोरों की आवाज एक आई 
क्यों बुत बनकर बैठे हो क्या हो गई पूरी साफ सफाई

      -रामजी तिवारी

©Ramji Tiwari #यादें 
#Love 
#Feeling 
#fantasy
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Ramji Tiwari

"मां "
पाकर सर पर हाथ आपका 
हर दुख दर्द भूल मै जाता हूँ 
हे करूणामयी ममता से भरी 
"माँ "मै तुमको शीश नवाता हूँ 
आतीं हैं जब भी विपदायें 
सर पर हाथ फेर जब देती हो 
मेरे मन की दुविधायें और 
सारी चिन्ता हर लेती हो 
कह कर भी दिल की बात मेरी 
जो लोग समझ न पाते हैं 
बिन कहे हुए ही आपसे हम 
न जाने कब सब कह जाते हैं 
सारे मन के भावों को 
खुद आप समझ तुम लेती हो 
सारी चिन्ता हर कर मेरी 
जीवन को नई चेतना देती हो 
आपके इन उपकारों का 
जीवनभर ऋण चुका न पाऊँगा 
कामना यही है ईश्वर से 
हर जन्म में आपका ही बेटा कहलाऊ 
                 " मां "
- रामजी तिवारी

©Ramji Tiwari #माॅं❣️ 
#अनोखारिश्ता
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Ramji Tiwari

साँझ की बाँहों में अब ये शाम होनें दे 
प्यासी हसरतों में ये जिन्दगी तमाम होनें दे

©Ramji Tiwari #MorningTea
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Ramji Tiwari

खुश रहो तुम अपनों में 
हम गैर ही सही 
जिन्दगी है अगर जहन्नुम 
तो थोड़ी बुरी और सही 
फर्क नहीं पड़ता है कि जख्म एक हैं की हजारों 
दिल तो छलनी है थोड़ा और सही 
जिनको हमनें अपना समझा जिनपे ताउम्र लुटा दी 
नजरों में हम उनकी गैर ही सही 
अपने हिसाब से बदलने चला था वक्त को 
तू साथ न दे तो जैसा है वैसा ही सही 
समझाता रहा सीता रहा जख्मों को
 की ये इक न इक दिन भर जायेंगे 
जब जिन्दगी ही हो काँटों की सेज तो ये सेज ही सही #HindiDiwas2020
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Ramji Tiwari

पत्थर की इस दुनिया में मोहब्बत खोजते हैं 
बेवफाओं की दुनिया में वफा खोजते हैं 
जिन्होंने दिये हैं मुझे घाव बड़े गहरे 
उनसे ही दरदे दिल की दवा पूँछते हैं दरदे दिल जिने का मरने का मजा देगा आग सीनें में ये लगा देगा

दरदे दिल जिने का मरने का मजा देगा आग सीनें में ये लगा देगा

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Ramji Tiwari

राम नाम उदघोष से गूँजा सारा जहान 
श्रीराम प्रभु के हम हैं श्रीराम हमारे प्राण 
   ।। जय श्री राम ।।

10 Love

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