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bishakhatripathi4169
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Vishakha Tripathi

Biology Enthusiast | Unacademy Teacher | writer and poet | Birthday - 16 june | Learner

https://instagram.com/aesthete_poet_vishakha?igshid=YmMyMTA2M2Y=

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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

अब बिछड़ जाओ या बिखर जाओ,
गर चले गए....तो ना आओ,
हर बार वही ज़िद में इंतज़ार ना होगा,
प्यार मरता है घुट के जीने से,
फिर प्यार ना होगा,
कभी जो लौटने का मन हो,
तो ख़ुद को रोक लेना तुम,
बेकद्री में रिश्ते, हो जाते है गुम,
फिर वही मंजिल वहीं राहें नहीं मिलती,
फिर वही महबूब, वही बाहें नहीं मिलती,
मोहब्बत में मोहब्बत की इज़्ज़त जो न रखी तुमने,
तो फिर वही मोहब्बत, वही इज़्ज़त नहीं मिलती,
आंसू भी सूखते है, जीना भी हम सीख जाते है,
इन किस्सों का क्या है, किस्से भूल जाते है।

©Vishakha Tripathi
  #CrescentMoon
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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

कुछ इस तरह ज़िंदगी हम गुजारते रहे,
कांटो में रहे हरदम, मगर मुस्कुराते रहे,

इश्क़ में पहली आवाज़ मुझे, उसने ही दी थी,
मगर उसके बाद उम्र भर, हम उसको बुलाते रहे,

महज़ नफ़रत, दर्द, दरारों के बीच रहा है ये सफ़र,
जिसे इश्क़ कहकर हम खुद को, समझाते रहे,

कुछ इस कदर कटा है, एक लम्बा तन्हा वक़्त मेरा,
मरहम भी ख़ुद ही लगा के, हर दर्द हम दबाते रहे...!!

©Vishakha Tripathi
  #hibiscussabdariffa #vishakhatripathi
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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

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Vishakha Tripathi

ना युद्ध कोई, न वार कहीं,
न बीच में फंसी मझधार कहीं,
फिर भी मन इतना बिचलित क्यों है,
शंका भी है, मन चिंतित क्यों है?

बेचैनी अंदर ही अंदर, 
अपना घर क्यों बनाती है,
सपनें भी है, बिस्तर भी है, 
फिर नींदे क्यों नहीं आती है?

कहां जाऊं, किससे पूछुं, 
की सवाल क्या करूँ ये पता नहीं,
मन को कैसे वश में करूँ, 
की मन की भी इसमें खता नहीं,

ये बेचैनी बस छड़ भर को, 
मुझको आराम दे दे,
या दूर हो जा मुझसे तू, 
या जीवन को कोई विराम दे दे।

©Vishakha Tripathi
  #GateLight
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Vishakha Tripathi

पिता, पिता होने की भूमिका में अगर असफल हो जाए,
तो घर के दूसरे पुरुष कभी वो पिता बन ही नहीं पाते।

©Vishakha Tripathi
  #onenight
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