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Sadhna Sarkar
Blue Moon आकाश की ऊंचाइयों को छूने की कोशिश में ज़मीन को छोड़ रहे हैं मनुष्य का चोला पहने इंसान किसी जानवर सा सुलूक कर रहे हैं आधुनिकता की होड़ में अपनी अच्छी परंपराओं को तोड़ रहे हैं फैशन के नाम पर अपने तन पर वस्त्र के कुछ चिथड़े लपेट रहे हैं ज्ञान का है जब भंडार अपने देश में तो क्यों विदेशों में भीख मांग रहे हैं भ्रष्टाचार की गिरफ्त में ख़ुद को फंसा कर तरक्की की बात कर रहे हैं राह चलती किसी स्त्री या बच्ची को यूं लार टपकाएं आंखों से निगल रहे हैं आज़ भी किसी स्त्री या बच्ची को बेखौफ कहीं निकलने में थोड़ा तो झिझकते हैं कहीं पर किसानों की उपजाऊ जमीन कौड़ी के दर से बिक रहे हैं तो कहीं अनुपजाऊ वाली ज़मीन चालाकी से सोने के भाव में बिक रहे हैं एक ही देश एक ही समाज के लोग होने के बाद भी इतने असामाजिक हो रहे हैं क्या करें की अब तो लगभग लोगों के होठों पर चुप्पी के ताले पड़े हुए हैं ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat मन के विचारों को लिखा है, इसे लिखने में हुई मेरी भूल त्रुटि को क्षमा करें 🙏
Sadhna Sarkar
वक्त तो लगता हैं ख़ुद से ख़ुद ही को पहचानने में अपने अस्तित्व को और निखारने में कठिन परिश्रम करना पड़ता हैं वक्त के आगे झुकना भी पड़ता हैं हर अपनों का ताना जब चुभता है छोड़ दे सबकुछ मन ये कहता है यहीं तो समय है खुद को पहचानने का ख़ुद से ही ख़ुद की चल रही लड़ाई को बखूबी अपने हारे मन से जीत जाने का ये कैसे हो सकता हैं की हीरा एक ही दिन में ही चमकने लग जाएगा याद रखें की बुंद बुंद से सागर भरता है। ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat 💫💫
Sadhna Sarkar
Blue Moon देश बंटा फ़िर राष्ट्र बंटे और फिर बंटा परिवार भी एक ही आंगन में फिर कर दी ऊंची दीवार खड़ी पहले तो पड़ोसी का घर , घर के बाहर होते थे अब लेकिन एक आंगन में ही पड़ोसी है रहते एकल परिवार की ना जाने ये कैसी आंधी चली जिसमे बिखर गया संयुक्त परिवार का सुख भी सबके सांझा चूल्हा ,सांझा गम और खुशी होती थी अब अपने में है व्यस्त किसी को किसी की खबर नही वो दिन कितने सुहाने होते थे जब सब साथ रहते थे अब सूना सा रह गया आंगन इनके ना इकट्ठे होने से छोटी - छोटी खुशियों के हर शाम यहां मेले लगते थे दिन भर की थकान उतरती जब एक दूसरे से मिलते थे याद नहीं सबको किस त्योहार पर एक साथ देखा था जाने के बाद आंगन में फिर वही सन्नाटा पसर गया था। ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat 💫💫
Sadhna Sarkar
Blue Moon अगर बिखर जाए जो तुम्हारा जीवन तो उसे फिर हिम्मत बांध समेट लेना रखना अपने जज़्बातों का पुरज़ोर हौसला फिर से अपने नए ख़्वाब तुम सजा लेना मिले अगर ठोकर तुम्हें रास्तों में,तो भी मंज़िल से अपनी निगाहें कभी ना हटाना बुरा दिखाए अगर ज़माना तुम्हें तो ख़ुद पर अपना भरोसा बनाए रखना कोई नही समझेगा दर्द को तेरे कभी तुम मगर अपने हालातों से रिश्ता निभाना टूटे हुए को और तोड़ना ज़माने का दस्तूर है तुम मगर ख़ुद को कभी बिखरने ना देना। ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat 💫💫
Sadhna Sarkar
इंसान टूटता तो कभी अपने कमज़ोर क्षणों में ही है... लेकिन उसका मलाल उसे अपनी ज़िंदगी भर रह जाता हैं ... ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat ✨✨
Sadhna Sarkar
ज़िंदगी को हमने बड़े ही करीब से देखा है खुशियों को रोते और दुःख को हंसते देखा है बड़े - बड़े फलसफे को तो ना जानु मैं , मगर अपनो को बड़े जल्दी रंग बदलते देखा है अपनापन, लगाव,और ये दुनियादारी सब झूठ है जब अपने मन का ना हो तो लगे सब फरेब है कुछ कभी अपनी कहो तो कभी मेरी भी सुनो ये दुनियां है कब छूट जाए इतना तो याद रखो जाते - जाते अपनी यादों को किसी के हृदय में घर बना लो तो ना भी रहोगे तब भी उसमे दिखोगे। ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat
Sadhna Sarkar
कुछ रिश्तों की कमी तो सभी को ही खलती है पर क्या करें,ये ज़िंदगी है ऐसे ही तो चलती है ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat
Sadhna Sarkar
बन जाऊं जो अगर मैं दोपहर तो,तुम मेरी छांव बन जाना बन जाऊं जो मैं चांद कभी तो ,तुम मेरी चांदनी बन जाना एक दो दिन का साथ नहीं मंजूर मुझे ,तुम ताउम्र संग चलना सांसों की डोर को अपने प्रेम से तुम ,अपने हाथों में सहेजना बन जाऊं जो मैं एक नदी तो ,तुम मेरे लिए सागर बन जाना बन जाऊं जो रिमझिम बरसात तो ,तुम सर पर छत बन जाना प्रीत की लड़ी बनूं अगर तो ,तुम फूलों की जगह ख़ुद रहना हथेलियों को भींच लूं तो,तुम मेरी हथेलियों की रेखा बनना ज़िंदगी की इस आपाधापी में,तुम बस मेरा साथ कभी ना छोड़ना रिश्ता जन्मों का है तो ,तुम रिश्ता निभाने एक बार और जन्म लेना ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat ❣️
Sadhna Sarkar
हमारे मन में मचलते, खौलते हुए सवालों को दुनियां के कुप्रथाओं ,दकियानूसी बेड़ियों को जब कभी हम से वो हज़म नहीं हो पाता है तब वो लेखनी बन कर फैलता है, कोरे पन्ने पर जिसे किसी से ना कहने की कोई विवशता ,ना कोई ज़रूरत और ना ही अब चुप रहने की कोई मानसिक पीड़ा दोनों ही एक साथ समाप्त सा हो जाता हैं, और तब मन शांत होकर अजीब सा सुकूं पा जाता हैं ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat बस यूं ही विचारों का ताना बाना 💫💫
Sadhna Sarkar
Blue Moon इंसान को ख़ुद आईना देखना और दिखाना भी चाहिए देखना इसलिए की ,अपनी कमजोरियों और गलतियों को जान सकें... दिखाना इसलिए की ,सामने वाले भी उनकी असलियत दिखाया जा सकें... ©Sadhna Sarkar #ankahe_jazbat 💫💫