Nojoto: Largest Storytelling Platform
rishabh7520
  • 7Stories
  • 17Followers
  • 65Love
    1.0KViews

ऋषि 'फ़क़त'

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 मसरूफ़ियत की सुब्ह सी हर रोज़ ही,
क्यूँ आ नहीं फ़ुर्सत सकी हर रोज़ ही।

मेरे लिए  शनिवार  की  हो  शाम  तुम,
तेरे  लिए   है  तिश्नगी  हर   रोज़  ही।

तुम  बिन  मयस्सर  सर्द  रातें  हैं  मुझे,
तेरे  बिना  है   जनवरी   हर  रोज़  ही।

उसका नशा  तक़दीर  में था  चंद दिन,
उस मयकशी की है कमी हर रोज़ ही।

मैं  एक  पत्थर  सा   किनारे  पर  रहा,
वो इक  नदी बहती  रही हर  रोज़ ही।

जब से  सबब तुम ज़िन्दगी का  ले गई,
बस मौत  मिलती है  नई हर  रोज़ ही।

होगा  नहीं   ये  दर्द  कम   चाहे  भले,
करते  रहो   चारागरी   हर   रोज़  ही।

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़ज़ल 
#रोज़
#nojohindi 
#nojatohindi 
#nojatoquotes 
#Shayari 
#Love 
#Life
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 अब छोड़  भी  दे यूँ  हमें  हर  दम तलाशना,
ऐ  ज़िन्दगी   हमें  तू  ज़रा   कम  तलाशना।

वो आ  गए  यहाँ  पे ख़ुशी  को  तलाश कर,
मेरे हुनर  को उसमें  था अब  ग़म तलाशना।

ये आप और मैं का  तकल्लुफ़ है किस लिए,
है  आप  और  मैं   में  मुझे  हम  तलाशना।

तुमने भुला  दिया  हो  मगर आज  भी  मुझे,
मुश्किल नहीं  है याद का  अल्बम तलाशना।

ऐ  दर्द   देने   वाले   दवा  तो   तलाश   पर,
आराम  ना   मिले  वही   मरहम  तलाशना।

उसने कहा कि जाओ भी हमदम तलाश लो,
जैसे  वो  कह  रही   हो  जहन्नम  तलाशना।

भाते  नहीं   है  महफ़िलों  के   ज़ेवरात  भी,
हमको तो  ख़ल्वतों का है  नीलम तलाशना।
-ऋषि 'फ़क़त'

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़ज़ल 
#शायरी 
#तलाशना 
#nojohindi 
#nojato 
#nojatoquotes 
#nojatohindi 
#nojatolove
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 हम  हैं  मनाते  हिज्र  को  हर  रोज़  बिरहन   की  तरह,
पर  हैं  दिखाते  सोगवारी  को  किसी  फ़न   की  तरह।

वो   कह  रही  है   हो  गया   है  इश्क़  राधा  की  तरह,
मैं   डर  रहा  हूँ   छोड़  जाऊँ   मैं  न  मोहन  की  तरह।

ये   रोज़मर्रे   की  हमें   मसरूफ़ियत   का   क्या   कहें,
ये  रोज़  हमको  डस  रही  है  काली  नागन  की  तरह।

सब   ढूँढते   हैं   व्रत    पूजन   मूर्तियों   में    राम   को,
लेकिन  हमेशा   कर  रहे   हैं   काम  रावन   की  तरह।

कुछ  हार   की  इस  तीरगी  में  ख़ुदकुशी   करने  गए,
कुछ  ने  निकाला हार  से फिर  काम ईंधन  की  तरह।

था   सिर्फ़   रिश्ता    ये   हमारा    दोस्ती   उसके   लिए,
था सिर्फ़ जिसको मानता दिल अपनी दुल्हन की तरह।

नंगे   बदन  जब  ठंड  में  वो  कपकपा  के  मर   गया,
सरकार का  वादा लगा  तब  सिर्फ़ प्रवचन  की  तरह।

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़ज़ल 
#शायरी 
#nojato 
#nojatohindi 
#nojatoquotes 
#Poetry 
#Love 
#Life
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 शायद निभाने को इक  किरदार रो पड़ा मैं,
बस छोड़ते  ही अपना घर-बार रो  पड़ा मै।

था शाम-ओ-सहर  जो  नंबर  सहारा  मेरा,
निकला रक़ीब से जब  यकतार रो पड़ा मैं।

थी राम की अयोध्या सी मुल्क की रिवायत,
अब देख  वालिदों  को लाचार  रो  पड़ा मैं।

हर बार हँस पड़े वो  ग़म इश्क़ का छुपाकर,
उनकी  इसी  हँसी पे  हर बार  रो  पड़ा मैं।

लुटती  रही  वो  बेटी  बनता  रहा  तमाशा,
फिर देख साज़िशों का अख़बार रो पड़ा मैं।

दुनिया बना  रहा  था मैं  चार  पल चुराकर,
जाना कि कुछ नहीं जब  संसार रो पड़ा मैं।

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़ज़ल 
#रो 
#नोजोटो 
#nojato 
#nojatohindi 
#nojatoquotes
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 

लिखा है  जब  मुक़द्दर  ने  शब-ए-हिज्राँ  ग़म-ए-फ़ुर्क़त,
लिखो मत दास्तान-ए-दिल लिखो उनवाँ ग़म-ए-फ़ुर्क़त।

अजब रस्ता  अजब मंज़िल अजब थी  ख़्वाहिशें उनकी,
तलब  थी  ख़ल्वतें  उनकी  नशा-ए-जाँ  ग़म-ए-फ़ुर्क़त।

नहीं  काफ़ी  नहीं   उनको   लगेगा   ज़ख़्म   पे  मरहम,
नमक की  दो दुआ जिनको  दवा-दरमाँ  ग़म-ए-फ़ुर्क़त।

बड़ी   धीमी    हुई   रफ़्तार    सागर   के    मुहाने   पर,
नदी बहती  रही  जब  तक  रहा  इम्काँ  ग़म-ए-फ़ुर्क़त।

किसी  को  जब  कभी  भी   हाय  मैंने  हाल  बतलाया,
कहा  सुल्ताँ  वहाँ  का  मैं   जहाँ  दरबाँ  ग़म-ए-फ़ुर्क़त।

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़जल 
#ग़म
#Poetry 
#Shayari 
#nojohindi 
#nojato 
#nojatohindi
3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 करें ज़ख़्म  ताज़ा,  पुरानी  कहें क्या,
हमारी  अधूरी   कहानी   कहें   क्या।

कहाँ  है  ज़मीं  इश्क़   वाली  यहाँ  पे,
दिलों की  रज़ा  आसमानी  कहें क्या।

बहारें हमें  जब  ख़िज़ाँ  थीं  गईं  कर,
इसे कह सकें गर ख़िज़ानी कहें क्या।

चला शेर मिसरा-ए-ऊला  तलक बस,
टूटे लफ़्ज़ मिसरा-ए-सानी  कहें क्या।

कभी आशिक़ी  ने मिलाया  था उससे,
अभी आशिक़ी  बे-मआनी  कहें क्या।

©ऋषि 'फ़क़त'
  #ग़ज़ल 
#हमारी_अधूरी_कहानी💔 
#nojatoshayari 
#nojato

#ग़ज़ल हमारी_अधूरी_कहानी💔 #nojatoshayari #nojato #Love

3cf1934c0dbffbc5f4ee1fa14c722033

ऋषि 'फ़क़त'

 मैं  गया    तो   तेरे   अंदर   क्या   बचेगा   कह   ज़रा,
खोखला सा जिस्म क्या कुछ कह सकेगा कह ज़रा।

देखना आएँगे  आशिक़  ज़िक्र  इस  लब  का  लिए,
क्या  मगर   मुझसा  इसे  कोई  छुएगा   कह  ज़रा।

हिज्र की  शब  को मैं  अपने अश्क हर  पल  दे रहा,
क्या भला  इस  रात को  तुझसे  मिलेगा  कह ज़रा।

जिस  तरह  महताब  में  भी  क़ल्ब  मेरा  जल  रहा,
चाँदनी  में   उस  तरह   तू  भी  जलेगा   कह  ज़रा।

ख़्वाब  की   किरची  समेटे  फिर  रहा  हूँ   मैं  मगर,
कैसे  नींदों   में   फ़क़त   रस्ता   कटेगा   कह  ज़रा।

कह ज़रा  एक  वस्ल अपना फिर  कहीं  होगा कभी,
कहकशाँ  में   आशियाँ   अपना  बनेगा   कह  ज़रा।

©Rishabh 
  #ग़ज़ल 
#मुहब्बत 
#कह 
#nojato 
#nojatohindi 
#nojatoquotes


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile