Nojoto: Largest Storytelling Platform
imedianews3660
  • 7Stories
  • 5Followers
  • 21Love
    70Views

IMedia News

  • Popular
  • Latest
  • Video
4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

पश्चिम में रोमन कैथोलिक चर्च का शासन था | नागरिक ही नहीं, राजा भी इसकी सम्प्रभुता स्वीकार करते थे | चर्च का हर फरमान, हर अवैज्ञानिक सिद्धांत सभी को स्वीकार करना पड़ता था | असहमति दंडनीय अपराध था | गैलिलिओ जैसे कई वैज्ञानिकों व दार्शनिकों को मृत्युदंड दिया गया | परिणामस्वरूप चर्च के विरुद्ध जबरदस्त विद्रोह हुआ और चर्च व राज्य पृथक हो गए | इसे कहा गया सेकुलरिज्म | और भी व्यवस्था परिवर्तन हुए – चर्च के प्रति विद्रोह के बाद राष्ट्रों का उदय हुआ, शासनकर्ता राजाओं की निरंकुशता के विरुद्ध जागरण हुआ और लोकतंत्र आया, औद्योगिक क्रान्ति के आने से मजदूरों का शोषण बढ़ा,  समाजवाद आया |

अब भारत की बात करें तो यहाँ न ऐसे अवैज्ञानिक और अत्याचारी संगठित चर्च जैसा कुछ था न ही उनके दुष्परिणाम |  इसलिए ऐसा कोई विद्रोह भी नहीं हुआ | सनातन संस्कृति के ही अंतर्गत भारत में विभिन्न विचार, मत, पंथ, सम्प्रदाय, दर्शन थे जिनमें परस्पर विरोध या संघर्ष नहीं था |

शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व था | यहाँ कोई निश्चित उपासना पद्धति नहीं रही | जो थीं वे भी परस्पर विरोधी नहीं थी | यहाँ साकार-निराकार, सगुण-निर्गुण, आस्तिक-नास्तिक में विरोध नहीं था | तो यहाँ सेकुलरिज्म ओढ़ने की आवश्यकता ही नहीं थी | सनातन संस्कृति तो सदैव से सर्वसमावेशी और न्यायनिष्ठ रही है |

यहाँ तो धर्म था | वह धर्म, जो शाश्वत होता है | सनातन, वैदिक धर्म | किन्तु विडम्बना यही रही कि हमने अपने राष्ट्र की मूल प्रकृति व गुणधर्म के प्रतिकूल चलते हुए पाश्चात्य व्यवस्थाओं को जस का तस अपने ऊपर लाद लिया | स्व-राज्य नहीं रहा, धर्म-राज्य नहीं रहा |

अब जब हमनें धर्म का स्वरुप और अर्थ समझा है तो स्पष्ट हो जाना चाहिए कि धर्मराज्य और थिओक्रैसी एक नहीं हैं | जहाँ राजधर्म का पालन हो वहीँ धर्मराज्य स्थापित हो सकता है | थेअक्रटिक स्टेट मतलब वह जहाँ किसी एक मज़हब के गुरु का राज हो और उसके मतावलम्बियों के अलावा बाकी सभी को या तो न रहने या दुसरे दर्जे के नागरिक बनकर रहने की विवशता हो | जैसे इस्लामिक राज्यों में मुसलामानों को छोड़कर बाकी सब दूसरे दर्जे के नागरिक हैं |

क्या सेक्युलर का अर्थ अधार्मिक राज्य या धर्महीन राज्य या धर्म निरपेक्ष राज्य स्वीकार किया जा सकता है? क्यूंकि एक स्वस्थ्य राज्य तो धर्महीन, धर्मविमुख अथवा धर्म-निरपेक्ष हो ही नहीं सकता क्यूंकि राज्य का काम ही है कि समाज में धर्म की व्यवस्था रहे, लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था रहे | राज्य का दायित्व ही धर्म-व्यवस्था है | अतः धर्म-निरपेक्षता और राज्य तो परस्पर विरोधी हुए | एक आदर्श राज्य तो धर्मराज्य ही हो सकता है |  जिस प्रकार अग्नि ताप-निरपेक्ष नहीं रह सकती उसी प्रकार राज्य धर्म-निरपेक्ष नहीं रह सकता |हमारी संस्कृति हमें धर्मपरायण होने की शिक्षा देती है, न कि धर्म-निरपेक्ष |

आज सनातन धर्म के मूल से दूर होने के कारण हमें इतनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है | धर्म के मूल स्वरुप को समझ लिया जाए तो कोई ढोंगी बाबाओं का अंधभक्त नहीं बनेगा | इतना ही नहीं, धर्म परायण बनकर भारत सम्पूर्ण विश्व को पुनः आलोकित कर सकता है |

“सत्यं वद | धर्मं चर |”

सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो

– वैदिक दीक्षांत उपदेश, कृष्णयजुर्वेदीय तैत्तिरीयोपनिषद

©IMedia News #betrayal
4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

#worship
4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

#Flute
4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

37 Views

4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

#मैं खुद अपनी तलाश#तलाश

#संजय

#मैं खुद अपनी तलाशतलाश #संजय #कविता

47 Views

4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

#specialone
4409285cf7279e09fa983340286cfc61

IMedia News

sanjay#imissyou

sanjayimissyou #शायरी

27 Views


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile