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radikak1340
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diggiwrites

its only for u..

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diggiwrites

हर गली आप नहीं ठहर सकते
हर बगीचे आप नहीं महक सकते
लफ्जो में मुस्कां.. दिल-ए-ऐतबार 
हर शख्स आप.. नहीं कर सकते 
नहीं कर सकते...
बेबाकी है सितारों की चमक में दानिश
ख़ुदग़र्ज़ तारे से जल.. आप नहीं उजड़ सकते 
नहीं उजड़ सकते...
और इम्तहान है करीब कुछ ही हफ़्ता मुरसद
इन हफ़्ते अरसों की मुहब्बत.. आप नहीं कर सकते 
नहीं कर सकते..✍️

- -

©diggiwrites #Silence
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diggiwrites

सुर निकाल सुराही में सजा दो
मिट्टी में तुम आसमां लगा दो
पर कहां , एक मुरझाए फूल से बगीचा बिखरता है
उम्मीद छोड़ दानिश, माली नहीं ठहरता है...
ये पल बदलता ज़माना है कमबख्त
तेरे ग़म से क्या ही फ़रक पड़ता है...???

©diggiwrites #Missing 😁
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diggiwrites

वो हर रोज अखबार सी आंगन में आ दमकती
मैं हर रोज़ किसी बूढ़े सा उसमें खो जाता हूं....

©diggiwrites
  ❤️

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diggiwrites

न जाने किन ख़यालात में आज कल रहता हूं
मैं गुस्से में भी प्यार में रहता हूं
तेरे मिलने की चाह बहुत है मुझे 
पर तेरे इश्क की कतार में , मैं बहुत पीछे रहता हूं
ये हंस सा इश्क़ है मेरा , 
 मैं भीड़ में कहां रहता हूं....!!

©diggiwrites 💌

#Photos
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diggiwrites

न जाने किन ख़यालात में आज कल रहता हूं
मैं गुस्से में भी प्यार में रहता हूं
तेरे मिलने की चाह बहुत है मुझे 
पर तेरे इश्क की कतार में , मैं बहुत पीछे रहता हूं
ये हंस सा इश्क़ है मेरा ,  
मैं भीड़ में कहां रहता हूं....

©diggiwrites ❤️💌

#realization
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diggiwrites

I do not promise that I will be with you for the rest of my life, but I do promise that as long as I live, every moment of my life only for you.

©diggiwrites ❤️

#hands

8 Love

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diggiwrites

हो नहीं, सब सच ये
पर न जाने क्यू मै कहता हूं...
........
वक्त के सांचों को तोड़
हवा की महक में झूमती डाली थी तुम
किसी अनकहे रास्ते में
भटके राहगीर की ठहरी प्याली थी तुम
मुस्कराती चांदनी, की ठंडी फुहार थी तुम
गैरों में अपनों को भरती , बहार थी तुम...
पर नहीं मालूम मुझे,
सुरो की गलियों ने क्यूं संगीत छोड़ दिया
तितली ने आखिर क्यूं रंगों से मुंह मोड़ लिया
जो कल तलक शुमार थी दिल-ए-जहान में
आज उस इश्क़ ने इश्क़ करना छोड़ दिया..
...
पत्थर से तो नहीं था राब्ता कभी तुम्हारा
फिर क्यूं आज उसे ही दिल से ओढ़ लिया...
....
हां, शायद हो ग़लत तुम, उन लम्हों में
जो सोच तुम आज भी घबराती हो
मोहब्बत की है तुमने भी कभी, पर
नहीं जानता क्यूं तुम छुपाती हो..
ख़ैर सुरो को छेड़ मैं..संगीत को दर्द नहीं देता
डाली कि सेज पर पसरे राहगीर को, 
अब मैं भटकने नहीं देता..
पर कुछ आरजू ज़रूर तुमसे करता हूं
बेरंग छोटी सी दुनियां में मेरी ,
चंद रंगों की दुआ, इस तितली से करता हूं..
उम्मीद है , 
वो सांचे फिर टूटेंगें
हवा फिर एक दफा मुस्कुराएगी
डाली फिर से झूमेगी
और प्याली अधर चूम ठहर जाएगी....!!

©diggiwrites #लव  ❤️

#hands
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diggiwrites

कि सफ़र वो मंज़िल उन राहों से गुज़र गई
मेरी आदतों में मेहनत आयी और उलझ गई
ये पर्चे, दाखिले, इश्तहारी.. ओह ये ख़याली मिज़ाज
क्या कहने..!
      तनिक ख़्वाबों की डोर टूटी और ज़िंदगी सुलझ गई....✌️

©diggiwrites ✌️

#realization
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diggiwrites

तीरों के वेग पर आहूति अंगारा बन जाती है
बीच नाभि कांपती ठंडी फुहार ज्वाला बन जाती है
वरण का कोई मौक़ा न चूकने देना, भगवन श्याम 
ये रावण प्रवृत्ति है.. : हर साल निखर आती है...!!

©diggiwrites 🙏

#Dussehra
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diggiwrites

कि पलकों की दीवार पर मुद्दत सराखो पर रखता हूं
तू आंख से न टपके याद में, थोड़ा मुस्करा लेता हूं...

©diggiwrites
  ❤️

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